अनाज के उठाव पर पासवान और बिहार हुकूमत के दरमियान टकराव

मरकज़ी खाने की फराहमी वज़ीर रामविलास पासवान ने कहा कि रियासती हुकूमत काम के मंसूबे के तहत हर हाल में अनाज का उठाव 31 अगस्त तक कर ले। रियासत को मार्च-जुलाई के अनाज उठाव के लिए 31 अगस्त तक की मुद्दत तौसिह कर दिया गया है। इसके बाद अनाज के उठाव के लिए मरकज़ जिम्मेवार नहीं होगा।

इतवार को होटल मोर्या में सहाफ़ियों से बातचीत में उन्होंने रियासती हुकूमत पर अनाज उठाव में नाकामयाब रहने का इल्ज़ाम लगाया और कहा कि इस बिहार को यह पहला और आखरी वक़्त की तौसिह कर दिया गया है। अगर बार-बार वक़्त की तौसिह कर दिया जायेगा, तो इसको लेकर सीएजी भी एतराज़ कर सकता है।

रियासती हुकूमत को रोज 30 हजार मैट्रिक टन अनाज का उठाव करना है। इसके लिए 11 जुलाई के बाद अनाज का 48 रैक बिहार के लिए आया। रियासत को 26 रैक उठाव करना था, पर सिर्फ 6.4 रैक अनाज का ही उठाव किया गया है। रियासती हुकूमत टार्गेट का एक चौथाई अनाज भी उठाव नहीं कर रही है। मार्च से मई तक रियासत ने तक़सीम अनाज के बड़ा हिस्सा का उठाव नहीं किया। इंतिख़ाब का बहाना बनाया गया। इसके बावजूद बिहार के लिए मैंने खुसुसि इंतेजाम कर अनाज उठाव के लिए 31 अगस्त तक की वक़्त का तौसिह कराया। अब तो रेलवे में रैक आ जाता है और अनाज उठानेवाला कोई नहीं रहता है।

स्टोरेज का मसला

उन्होंने कहा कि एफसीआइ के पास भी सोटेरेज का मसला है। ऐसे में रेलवे में रैक आने के बाद उठाव नहीं होने पर हर्जाना भरना पड़ता है। रियासती हुकूमत को उठाव के लिए कम-से-कम दो से ढाई सौ बड़े ट्रक चाहिए, लेकिन रियासती हुकूमत सिर्फ 15-20 छोटी गाड़ी से उठाव कर रही है। रियासती हुकूमत पर बहानेबाजी का इल्ज़ाम लगाते हुए उन्होंने कहा कि हुकूमत पीडीएस दुकानों तक अनाज पहुंचाये, इससे होनेवाले खर्च मरकज़ी हुकूमत करेगी।

जमाखोरी की वजह से महंगाई

पासवान ने कहा कि अनाज, फल और सब्जी के पैदावारी में इजाफा हुई है। अनाज की कमी की वजह महंगाई नहीं है। जमाखोरी की वजह से महंगाई बताते हुए पासवान ने कहा कि 2012-13 में प्याज का पैदावारी 168 लाख मीटरिक टन हुआ था। इसकी पैदावारी 2013-14 में 193 मीटरिक टन हुआ। इसके बावजूद महंगाई बढ़ी। उन्होंने कहा कि जमाखोरों पर कार्रवाई के लिए नियम में तर्मिम हो रहा है। इसके लिए सजा की मुद्दत छह माह से बढ़ा कर एक साल की जायेगी। साथ ही जमानतीय दफा को गैर जमानतीय करने की तजवीज है।

मौके पर एफसीआइ के अफसर सुभाष जादू, एफसीआइ के मशरिकी जोन के वर्किंग डाइरेक्टर सीमा कक्कड़ और एफसीआइ बिहार के इंचार्ज जेनरल मैनेजर अमरेश कुमार भी मौजूद थे।