सौरभ गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण जो क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य हैं, उन्होंने भारतीय टीम के प्रमुख कोच के रूप में अनिल कुंबले को बरक़रार रखने का फैसला किया है। गुरुवार को ओवल पर श्रीलंका के खिलाफ भारत के मैच के दौरान सीएसी सदस्यों की एक बैठक के बाद यह निर्णय सामने आया।
सीएसी के फैसले को लगभग अंतिम ही माना जाता है, लेकिन इस निर्णय की पुष्टि बीसीसीआई की 26 जून की विशेष जनरल बैठक (एसजीएम) में की जाएगी।
इसका मतलब है कि कुंबले भारतीय टीम के साथ वेस्ट इंडीज जाएंगे। बोर्ड को लगता है कि कोच की घोषणा करने के निर्णय को फिलहाल स्थगित कर देना चाहिए क्योंकि प्रमुख टूर्नामेंट के दौरान ऐसा करना मूर्खतापर्ण होगा।
बोर्ड ने कोच के पद के लिए आवेदन आमंत्रित किये थे, क्योंकि कुंबले का एक साल का कार्यकाल चैंपियंस ट्राफी के साथ समाप्त हो रहा है। वीरेंद्र सहवाग, डोडा गणेश, टॉम मूडी, लालचंद राजपूत और रिचर्ड पायबस ने इस पद के लिए आवेदन भरे हैं, जबकि कुंबले को सीधे प्रवेश मिला है।
श्रीलंका के खिलाफ भारत की हार ने दक्षिण अफ्रीका से साथ फाइनल ग्रुप बी मैच को और भी निर्णायक बना दिया है। यदि मौजूदा चैंपियन हार जाते हैं, तो वे टूर्नामेंट से बाहर हो जायेंगे और इससे कुंबले पर दबाव पड़ेगा क्योंकि यह उनका पहला आईसीसी टूर्नामेंट है जिसमे वे भारत के कोच है। कुंबले के साथ टीम को अधिकांश जीत भारत मे ही मिली हैं।
जब कुंबले को पिछले साल कोच बनाया गया था, तब उद्देश्य टीम में अनुशासन को बढ़ावा देना का था, हालांकि टीम बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही थी।
सीएसी ने शुरू से कुंबले का साथ दिया है, लेकिन बीसीसीआई के कुछ अधिकारी बदलाव चाहते हैं।
बीते कुछ वक्त में , कप्तान और कोच के बीच मतभेद की भी खबरे भी सामने आयी हैं, लेकिन कोहली ने मीडिया की आलोचना करते हुए कहा की इन सभी खबरों को गलत बताया है।