नई दिल्ली। संविधान के अनुच्छेद 35ए की समीक्षा के खिलाफ सक्रिय जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। महबूबा चाहती हैं कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में 35ए को चुनौती देने वाली याचिका का विरोध करे।
वैसे महबूबा मुफ्ती को इस पर राजनाथ सिंह से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल पाया है। जल्द ही वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इस मुद्दे पर अपनी चिंता से अवगत कराएंगी।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार महबूबा मुफ्ती ने राजनाथ सिंह को बताया कि सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए को चुनौती दिये जाने से कश्मीर की आम जनता में बेचैनी है।
उन्हें डर सता रहा है कि इस अनुच्छेद को निरस्त होने से कश्मीर की स्वायत्तता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और इससे पहले से ही विरोध प्रदर्शनों को झेल रहे कश्मीर के हालात बेकाबू हो सकते हैं। उनका कहना था कि केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका का पुरजोर विरोध करना चाहिए।
सूत्रों की माने तो राजनाथ सिंह से उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल पाया। राजनाथ सिंह का कहना था कि ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर सरकार पूरी तरह से विचारविमर्श के बाद ही फैसला लेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे उनकी चिंताओं से सरकार को उच्च स्तर पर अवगत करा देंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में संविधान के अनुच्छेद 35ए को चुनौती दी गई है और इसे निरस्त करने की मांग की गई है। अदालत ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर अपना-अपना पक्ष रखने को कहा है।
इस धारा के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार की राज्य की नागरिकता तय करने का अधिकार समाप्त हो जाएगा। अभी तक गैर कश्मीरी भारतीय को वहां की नागरिकता मिलने पर प्रतिबंध है और वे वहां जमीन भी नहीं खरीद सकते हैं।
अनुच्छेद 35ए को चुनौती दिये के खिलाफ महबूबा मुफ्ती कश्मीर में भी राजनीतिक एकता बनाने की कोशिश में जुटी हैं। इस सिलसिले में उन्होंने बुधवार को अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी फारूख अब्दुल्ला से भी मुलाकात की थी।