लखनऊ। यूपी विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन भारी हंगामेदार रहा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अनुपूरक बजट पेश करने से पहले विपक्षी दल बसपा, भाजपा और कांग्रेस के विधायकों ने सरकार विरोधी नारों वाली तख्ती , पोस्टर के साथ प्रदर्शन किया। बसपा सदस्य दलित एवं महिला उत्पीड़न के मसले पर वेल में आ गए। स्तिथि बिगड़ने पर मर्शल ने उन्हें सदन के बहार कर दिया । इसके बाद भी विरोधी विधायक शांत नहीं हुए । वे विधानसभा के वरांडे में ही धारने पर बैठ गए।
विरोधी दलों के विधायकों के सदन से निकाले जाने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। बजट 25 हज़ार करोड़ रूपये का है। पिछले साल 17 अगस्त को 19824.98 करोड़ रूपये का बजट पेश किया गया था। अनुपूरक बजट पिछले बजट के मुकाबले 25 फीसदी अधिक है। अलग बात है कि कृषि, स्वास्थ्य सेवाएं,ऊर्जा , परिवार कल्याण,आवास विकस, एलोपैथिक चिकित्सा आदि विभाग पिछला बजट का 10 से 18.45 फीसदी ही अबतक खर्च कर पाए हैं।
अनुपूरक बजट के द्वारा सरकार ने पुल व सड़क निर्माण के कार्यों में गति लाने की मंशा ज़ाहिर की है। इसकी सूची में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण सब से उपर है। दूसरी ओर विपक्ष प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था, दलित , महिला उत्पीड़न, बाढ़, बकाया गन्ना भुगतान, मथुरा आदि कांड को लेकर सपा सरकर को घेरने के मूड में हैं। मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले सर्वदलीय सदस्यों ने इन मुद्दों पर बैठक की थी। उस दौरान सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बैनर, तख्ती के साथ प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई गई थी।
लखनऊ से एम ए हाशमी