अनुराधा चौधरी ने थामा मुलायम का दामन

लखनऊ, ०८ जनवरी: राष्ट्रीय लोकदल में कभी नंबर दो की हैसियत रखने वाली कौमी जनरल सेक्रेट्री अनुराधा चौधरी व साबिक राज्यसभा मेम्बर शाहिद सिद्दीकी समेत् कई नेताओं ने एतवार को समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। साबिक वज़ीर अनुराधा ने इल्ज़ाम लगाया कि अजित सिंह ने वज़ीर ओहदा को लेकर उस कांग्रेस पार्टी से इत्तेहाद् किया, जिसने चौधरी चरण सिंह को बेइज़्ज़त करने का काम किया। उन्होंने चुनाव लड़ने के बजाय सपा का प्रचार करने का एलान किया।

पार्टी प्रदेश हेडक्वार्टर में मुलायम सिंह, आजम खां, शिवपाल सिंह और अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा में शामिल होने के वक्त अनुराधा ने कहा कि किसानों की ज़मीन हसूल और रिजर्वेशन के मुद्दों को दरकिनार कर रालोद चीफ ने जिस तरह कुर्सी के लिए कांग्रेस से नाता जोड़ा उससे उनकी बिरादरी [जाट] नाराज हो गयी है। ऐसे में उन्होंने रालोद से नाता तोड़ना ही बेहतर समझा।

बताया जाता है कि अनुराधा पिछले कुछ वक़्त से रालोद में अपने को महरूम् महसूस कर रही थीं। इसकी वजह पार्टी में अजित के बेटे एम पी जयंत चौधरी के बढ़ता अस्रात् था। रालोद-कांग्रेस के दरमीयान हुए एत्तेहाद में अपनी गफ्लत से भी वह ठेस् पहूँचाई थीं। हफ्ते को मुलायम से उन्होंने राब्ता किया था। इसी के बाद उनका सपा में शामिल होना तय हो गया था। अनुराधा 2002 में मायावती सरकार और 2004 में मुलायम सरकार में लोक तामीर् वज़ीर रहीं। इस मौके पर समाजवादी पार्टी के कौमी सदर मुलायम सिंह यादव, रियास्ती सदर अखिलेश यादव और आजम खान भी मौजूद थे।

पार्टी की मेम्बरशिप हासिल करने वालों में रालोद के सद्स्य रहे खालिद मसूद, मेंम्बर असेमबली श्रीमती विमलेश और कौमी उलेमा काउंसिल के साबिक सेक्रेट्री जनरल डा. तस्लीम अहमद रहमानी चीफ थे।

ये भी हुए सपा में शामिल

राष्ट्रीय पीस पार्टी के कौमी जनल सेक्रेट्री सैयद शकील अहमद, स्टेट प्रेसीडेंट अहमद फुरकान अल्वी, हरियाणा राष्ट्रीय पीस पार्टी के अतीक अहमद राजा, साबिक वज़ीर फौजदार प्रसाद और पीलीभीत के जिला पंचायत सदस्य संजय विश्वास एडवोकेट अपने हामियों समेत सपा में शामिल हुए।