अन्ना हज़ारे टीम में इंतिशार

“मलिक के अवाम को गुज़श्ता एक दहिय से मर्कज़ी हुकूमत की ख़राबियों और बदउनवानीयों की वजह से कई मसाइब महंगाई, मुश्किलात का सामना करना पड़ रहा है।

अवाम को एक बेहतर नज़म-ओ-नसक़ और साफ़ सुथरी हुक्मरानी देने का वाअदा करनेवाली हुकूमत कई शोबों को रिश्वत सतानी के बाइस नाक़िस माहौल से दो-चार करदिया है सरकारी महिकमे काम काज के मुआमले में इतने ज़्यादा अबतरी का शिकार हैं कि आम आदमी को किसी काम की तकमील के लिए भारी रक़म अदा करने के लिए मजबूर कर दिया जाता है।

अन्ना हज़ारे ने आम आदमी की परेशानीयों को दूर करने की ग़रज़ से मुल्क गीर रिश्वत सतानी के ख़िलाफ़ मुहिम शुरू की थी। बाद के दिनों में अना हज़ारे और उन की टीम ने रिश्वत सतानी के इंसिदाद के असल मक़सद को मसख़ कर दिया।

टीम के अरकान के ख़िलाफ़ एक के बाद दीगर इल्ज़ामात और वाक़ियात ने इंसिदाद रिश्वत मुहिम के असल जज़बा को कमज़ोर कर दिया है।

इस लिए अन्ना हज़ारे की टीम अब बे समिति का शिकार हो चुकी है। या उस टीम को कमज़ोर करनेवाली ताक़तों ने अपने मक़ासिद में कामयाबी हासिल कर ली है।

गुज़श्ता दो हफ़्तों के दौरान अना हज़ारे टीम को शदीद तन्क़ीदों का सामना है अरकान के दरमयान शदीद इख़तिलाफ़ात पैदा हो चुके हैं।

जुनूबी हिंद की रियास्तों से ताल्लुक़ रखने वाले दानिश्वरों ने अन्ना हज़ारे टीम से अलैहदगी इख़तियार करने का ऐलान करदिया। सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण की जम्मू-ओ-कश्मीर पर ज़ाहिर करदा राय मुल्क गीर सतह पर एक बम साबित हुई।

इस राय ने अन्ना हज़ारे के बुलंद इदारों पर बिजली गिरा दी। कश्मीर में इस्तिसवाब आम्मा कराने की राय अगर चीका प्रशांत भूषण की ज़ाती राय होसकती है मगर उस को मसला बनाकर टीम की ताक़त को कमज़ोर बनाया गया।

अब आई पी ऐस ओहदेदार किरण बेदी के फ़िज़ाई किराया बिलों की हक़ीर हरकतों को निशाना बनाकर उन के ख़िलाफ़ मुहिम चलाई जाने से टीम का वक़ार मज़ीद मजरूह कर दिया गया।

जब से मुल्क भर में रिश्वत के ख़िलाफ़ अवाम में बेदारी पैदा हुई है अन्ना हज़ारे टीम को फूट से दो-चार कर देने वाली ताक़तों ने कई महाज़ों पर टीम के अरकान का तआक़ुब करना शुरू करदिया इस का मतलब ये हुआ कि सरकारी सतह पर ही ये बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है कि कोई उन के नापाक मुआमलतों पर रोक लगाने की जुर्रत कर सकॆ हुकूमत ने अन्ना हज़ारे टीम के बढ़ते असरात को कमज़ोर करने के लिए जिस तरह की हिक्मत अमलीयाँ बनाई हैं वो एक के बाद दीगर अना हज़ारे टीम के अरकान के ख़िलाफ़ ज़ाहिर हो रही हैं।

इबतदा-ए-में हुकूमत को अना हज़ारे की टीम से सख़्त परेशानीयों और पशेमानियों से दो-चार होना पड़ा। जिन लोक पाल बनाने के लिए हुकूमत का पस-ओ-पेश उस वक़्त नाकाम हुआ जब मुल़्क गीर सतह पर अवाम की अक्सरीयत ने अन्ना हज़ारे का साथ दिया था।

इस पर वज़ीर-ए-क़ानून सलमान ख़ुरशीद को ये एतराफ़ करना पड़ा था कि मुजव्वज़ा लोक पाल बल पर मुशतर्का कमेटी के मुसव्वदा को क़बूल करने के सिवा हुकूमत के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था।

एक तरफ़ हुकूमत अना हज़ारे की टीम को जो इंतिशार का शिकार बनाने के लिए खु़फ़ीया मुहिम चलाती रही दूसरी तरफ़ वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह नरम गुफ़तार से रिश्वत के ख़ातमा के लिए सख़्त लोक पाल बिल लाने अपनी हुकूमत की दयानदारी का यक़ीन दिलाने की कोशिश करते रहे मगर अब अना हज़ारे की टीम बिखरने के दहाने पर है।

इस लिए हुक्मराँ पार्टी कांग्रेस जो शुरू से ही अपनी मर्ज़ी का लोक पाल बल लाना चाहती है अन्ना हज़ारे की मर्ज़ी चलने नहीं देना चाहती। इस बात का सबूत कांग्रेस जनरल सैक्रेटरी डग वजए सिंह के ब्यानात से मिलता है जो मुसलसल अन्ना हज़ारे को निशाना बनाते आ रहे हैं कि अन्ना हज़ारे को सिंह परिवार की हिमायत हासिल है।

रिश्वत सतानी का मसला कांग्रेस के लिए फ़िक्र-ओ-नज़र का हामिल मसला नहीं है। इसलिए वो चाहती है कि लोक पाल बल अपनी मर्ज़ी से मुरत्तिब करे जिस में बाअज़ ऐसी नरम पालिसीयां और क़वानीन बनाए जाएं जिन से मुस्तक़बिल क़रीब में अगर कांग्रेस का सरबराह रिश्वत सतानी के शिकंजा में फंस जाय तो आसानी से बच निकल सकॆ।

कांग्रेस अन्ना हज़ारे टीम के तजवीज़ करदा मुसव्वदा को क़बूल इस लिए नहीं कर रही है कि उसे कुछ रियायतें और राहतों की ज़रूरत है। अन्ना हज़ारे टीम की हालत को बिगाड़ने या बिगड़े जाने के बावजूद ये टीम हनूज़ मुस्तहकम और मुत्तहिद नज़र आ रही है।

आइन्दा दिनों में अगर टीम को मुंतशिर करने में कामयाबी हासिल करली गई तो अवाम को रिश्वत सतानी के ख़िलाफ़ अपने जज़बा को कमज़ोर होने नहीं देना चाहियॆ। अवाम ने गुज़श्ता 6 माह के दौरान रिश्वत के ख़िलाफ़ मुल्क गीर सतह पर जिस इत्तिहाद का मुज़ाहरा किया था उसे बरक़रार रखना होगा।

रिश्वत और सियासत दोनों को अपने मक़ासिद के हुसूल का ज़रीया बनाने वाले ये नहीं चाहेंगे कि इन की राह में कोई रुकावटें खड़ी करी।

इस लिए अन्ना हज़ारे टीम के अरकान चाहीए वो अरविंद कजरीवाल हूँ, प्रशांत भूषण या किरण बेदी को गुमराह कन्या इंतिशार पसंद ताक़तों से चौकन्ना रह कराना हज़ारे टीम के जज़बा को कमज़ोर नहीं होने देना चाहियॆ ।

क्योंकि मुल्क में तमाम सरकारी इदारे रिश्वतखोरी का मर्कज़ बन चुके हैं। अवाम की गर्दनें बद उनवान ओहदेदारों का शिकंजा बनती जा रही हैं। आम आदमी सियासतदानों की नाएहलियों और कुरप्शन की वजह से एक शदीद किस्म के एहसास ज़िल्लत मैं ख़ुद को मुबतला पा रहा है।

मुल्क् का आम शहरी इस लानत से बाहर निकल कर साफ़ सुथरी दुनिया में सांस लेना चाहता है जहां इस का हर छोटा और बड़ा सरकारी काम बगै़र रिश्वत के पूरा हो जायॆ।

मगर अफ़सोस इस बात का है कि सरकारी इंतिज़ामीया और मुक़न्निना का गठजोड़ ख़राबियों को हवा दे रहा है।