पटना : फाइनेंस वजीर अब्दुल बारी सिद्दीकी ने बैंक मैनेजमेंट को हिदायत दी है कि अपनी कमजोरियों को एक-दूसरे पर न फेकें, बल्कि इन्हें दूर करें। सरकारी मदद की जरुरत हो तो बताएं और बैठकों में लिए गए फैसलों की बुनियाद पर टारगेट को हासिल करें।
सिद्दिकी बुध को एक होटल में 55वीं रियासत सतह की बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की बैठक को खिताब कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हर जिले में एडीएम सतह के अफसर बैंक से ताल्लुक बनाए रखने के लिए जिम्मेवार बनाए गए हैं। सिक्यूरिटी या सर्टिफिकेट केस से मुताल्लिक जरूरत हो तो मदद ले सकते हैं।
एसएलबीसी अपने सतह से 0 से 25 फिसद फाइनेंस करने वाली बैंक शाखाओं की फेहरिस्त दस्तयाब कराए। अच्छे काम करने वाली बैंक शाखाओं को नवाजा जाएगा । इससे बैंकों के दरमियान मुकाबला होगी। जिनकी कामयाबी अच्छी हो और जिनकी खराब हो उनकी अलग-अलग लिस्ट बनाई जाए।
उन्होंने कहा कि गुजिश्ता बैठक में वज़ीरे आला ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड शरीक तालीम लोन तकसीम को लेकर तमाम नुक्तों को रखा था। उसे अमल में लाने के लिए आठ मार्च तक एक कमिटी तशकील कर वोर्किंग पालिसी तैयार करें और 15 मार्च के पहले खुशिसी एसएलबीसी की बैठक कर उसे मंजूरी दें।
बैठक में रियासत के चीफ सेक्रेटरी अंजनी कुमार सिंह, फाइनेंस महकमा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रवि मित्तल व सेक्रेटरी राहुल सिंह, तालीम महकमा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी जीएस गंगवार, इंडस्ट्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी डॉ. एस सिद्धार्थ, देहि तरक्की के सेक्रेटरी अरविंद कुमार, रिजर्व बैंक, बिहार-झारखंड के मुकामी डैरेक्टर मनोज कुमार वर्मा, नाबार्ड के रणजीत कुमार दास वगैरह मौजूद थे।