तेहरान और आलमी ताकतों के बीच हुए तारीखी समझौते के बाद ईरानी सदर हसन रूहानी ने साफ किया है कि उनका मुल्क न्यूक्लीयर प्लांट को तबाह नहीं करेगा। उन्होंने यह बात जुमे के रोज़ फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कही।
जब उनसे पूछा गया कि ईरान के न्यूक्लीयर प्लांट को तबाह करना क्या ईरान के लिए बाउंड्री थी? उन्होंने जवाब दिया, ‘सौ फीसद।’ जेनेवा में पिछले हफ्ते हुए समझौते का इजरायल ने सख्त मुखालिफत किया था। उसने इस समझौते को तारीखी भूल बताते हुए कहा था कि तेहरान के साथ किसी भी समझौते का वाहिद मकसद ईरान की न्यूक्लीयर सलाहियत को खत्म करना होना चाहिए।
गुज्श्ता 24 नवंबर को जिनेवा में हुए समझौते के तहत छह महीने के लिए न्यूक्लीयर प्रोग्राम बंद रखने के एवज में ईरान को पाबंदियो से महदूद राहत मिलेगी। हालांकि समझौते में ईरान से न्यूक्लीयर सहूलियात को खत्म करने के लिए नहीं कहा गया है। वसी पैमाने पर समझौते को लेकर बात चीत पेंडिंग है। इस बीच रूहानी ने अमेरिका के साथ ईरान के रिश्तों में सुधार की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और ईरान के बीच मसले काफी पेचीदा हैं। इन्हें कम मुद्दत में हल नहीं किया जा सकता।