अपोज़िशन पार्टियों से मर्कज़ी हुकूमत का रब्त :मर्कज़ी वज़ीर बराए अक़लीयती उमोर रहमान ख़ान

मुज़फ़्फ़रनगर फ़सादात‌ के पस-ए-मंज़र में मर्कज़ी वज़ीर बराए अक़लीयती उमोर के रहमान ख़ान ने आज कहा कि मर्कज़ इन्सिदाद-ए-फ़सादात‌ क़ानून की पार्लियामेंट में मंज़ूरी के लिए सियासी पार्टियों में इत्तिफ़ाक़ राय पैदा करने की कोशिश करेगा।

मर्कज़ी वज़ीर रहमान ख़ान एक प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब कररहे थे। उन्होंने कहा कि हुकूमत इस क़ानून के बारे में सियासी पार्टीयों के दरमियान इत्तेफ़ाक़ राय पैदा करने की कोशिश करेगी। हुकूमत चाहती है कि ये बिल (पार्लियामेंट में) सियासी पार्टीयों के इत्तेफ़ाक़ राय से मंज़ूर करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मसले पर क़ौमी यकजहती काउंस‌ल के इजलास में जो हाल ही में नई दिल्ली में मुनाक़िद हुआ था, तबादला-ए-ख़्याल किया जा चुका है।

फ़िर्कावाराना तशद्दुद इंसिदाद, कंट्रोल और मुतास्सिरीन की बाज़ आबादकारी बिल पहले 2005 में राज्य सभा में पेश किया गया था, लेकिन इस पर कई सियासी पार्टीयों ने तन्क़ीद की थी। इस क़ानून के तहत ऐसी कार्यवाईयों के इंसिदाद के इक़दामात की तफ़सील बयान की गई है जिन के नतीजे में फ़िर्कावाराना तशद्दुद पैदा होता है। क़ानून के तहत सज़ा की मीयाद में इज़ाफ़ा किया गया और तेज़ रफ़्तार तहक़ीक़ात के लिए गुंजाइशें फ़राहम की गईं।

मुक़द्दमात की समाअत के लिए ख़ुसूसी अदालतें क़ायम करने की गुंजाइश भी फ़राहम की गई है। ये क़ानून इदारा जाती इंतेज़ामात की तजवीज़ पेश करता है ताकि मुतास्सिरीन को राहत रसानी और बाज़ आबादकारी की जा सके।उन्होंने कहा कि बाअज़ मामलात में मर्कज़ी हुकूमत को ख़ुसूसी इख़्तयारात भी हासिल होते हैं। के रहमान ख़ान ने कहा कि उनकी विज़ारत के पास फ़सादाद से मुतास्सिरीन के लिए एक इमदादी पेकेज मौजूद है जिस में इंदिरा अवास योजना के तहत इमकना की फ़राहमी और बाज़ आबादकारी के लिए पाँच लाख रुपये तक बलासू दी क़र्ज़ फ़राहम करने की गुंजाइश रखी गई है। उन्होंने मुज़फ़्फ़रनगर फ़सादात‌ पर तबसरा करने से इनकार करते हुए कहा कि ये मामले अदालत में ज़ेर दौरान है।