अपोज़ीशन क़ाइद खालिदा ज़िया का मुल्क में दोबारा इंतिख़ाबात का मुतालिबा

बंगलादेशी अपोज़ीशन क़ाइद खालिदा ज़िया ने आज मुतालिबा किया है कि एक ग़ैर जानिबदार नए इंतेज़ामीया को मुल्क में नए सिरे से इंतिख़ाबात मुनाक़िद करवाने चाहीए और ये इंतिबाह दिया कि अगर हुकूमत ने उन का मुतालिबा तस्लीम नहीं किया तो मुल्क में एहतेजाज की एक नई लहर सामने आएगी।

खालिदा ज़िया जो मुल्क की दोबारा वज़ीरे आज़म रह चुकी हैं, उन्हों ने गुज़िश्ता साल मुनाक़िदा आम इंतिख़ाबात के बाईकॉट का एलान किया था क्योंकि उन्हें ये अच्छी तरह मालूम था कि इंतिख़ाबी धांदलियों जिस में इलेक्शन कमीशन भी मुबैयना तौर पर शामिल है, शेख़ हसीना को ही फ़ातेह क़रार देगा।

इस मुतनाज़ा इंतिख़ाबात के एक साल मुकम्मल होने पर अपने ख़्यालात का इज़हार करते हुए उन्हों ने ये बात कही जहां उन्हों ने ये भी कहा कि वज़ीरे आज़म शेख़ हसीना ने दो रुख़ी बातचीत के अह्द को ख़त्म कर दिया है। उन्हों ने अपना वाअदा तोड़ दिया है क्योंकि उन्हों ने इंतिख़ाबात दोबारा मुनाक़िद करवाए जाने का भी वाअदा किया था और इल्ज़ाम आइद कर रही हैं मुझ पर।

ढाका में एक प्रैस ब्रीफिंग के दौरान उन्हों ने कहा कि इंतिख़ाबात अब एक ग़ैर जानिबदार इंतेज़ामीया की जानिब से मुनाक़िद होने चाहीए ताकि तमाम सियासी जमातों को इस में हिस्सा लेने का मौक़ा मिले। ग़ैर मुतनाज़ा आम इंतिख़ाबात के ज़रीए ही मुल्क को बोहरानी कैफ़ीयत से बाहर निकाला जा सकता है और यही मुल्क के हक़ में बेहतर होगा।

5 जनवरी को मुतनाज़ा इंतिख़ाबात मुनाक़िद करवाए जाने का एक साल मुकम्मल हो रहा है जिसे यौमे क़त्ल जम्हूरीयत के तौर पर मनाया जाएगा हालाँकि 20 पार्टीयों के इत्तिहाद ने इंतिख़ाबात का बाईकॉट किया था लेकिन शेख़ हसीना ने इस के बावजूद भी इंतिख़ाबात मुनाक़िद करवाए थे।

दूसरी तरफ़ शेख़ हसीना हुकूमत ने नए इंतिख़ाबात मुनाक़िद करवाने से इनकार कर दिया है और 2019 तक अपनी मीयाद की तकमील की ख़ाहां है और इंतिख़ाबात के एक साल मुकम्मल होने पर अपोज़ीशन की जानिब से एहतेजाज को रोकने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाना शुरू कर दिया है।