केरला के चीफ़ मिनिस्टर ओमन चांडी ने जो सोलार पैनल स्क़ाम की बिना पर अपोज़ीशन एलडी एफ़ की तन्क़ीद का निशाना बने हुए हैं, आज उन पर आइद इल्ज़ाम रद कर दिया।
अपोज़ीशन ने कहा था कि हुकूमत हाइकोर्ट के बरसर ख़िदमत जज की इस मुआमले की तहक़ीक़ात के लिए ख़िदमात हासिल करने के बारे में संजीदा नहीं है। काबीना के इजलास के दौरान एलाहदा तौर पर प्रेस कान्फ़्रेंस से ख़िताब करते हुए चीफ़ मिनिस्टर केरला ओमन चांडी ने कहा कि मैंने शख़्सी तौर पर हाइकोर्ट के चीफ़ जस्टिस को मकतूब रवाना किया है और मुआमला की तहक़ीक़ात करने के लिए एक बरसर ख़िदमत जज की ख़िदमात फ़राहम करने की ख़ाहिश की है।
हाइकोर्ट ने हुकूमत को इत्तिला दी कि किसी भी जज की ख़िदमात फ़राहम नहीं की जा सकतीं। उन्होंने कहा कि एलडी एफ़ को मुझ से कहने दीजिए कि हुकूमत ने हाइकोर्ट से एक बरसर ख़िदमत जज की ख़िदमात हासिल करने के लिए कुछ नहीं किया। अगर वो हुकूमत के मौक़िफ़ से मुतमइन नहीं हैं तो उन्हें ये साबित करना होगा कि हुकूमत हाइकोर्ट के बरसर ख़िदमत जज की ख़िदमात हासिल करने के लिए मुख़लिस नहीं है।
तहक़ीक़ात की क़वाइद-ओ-शराइत के बारे में सवाल का जवाब देते हुए ओमन चांडी ने कहा कि क़वाइद-ओ-ज़वाबत के ताय्युन में वक़्त लगता है।