दोहा, ०१ नवम्बर (राईटर) अरब लीग ने ममलकत शाम में जारी हुकूमत के ख़िलाफ़ अवामी लहर के पेशे नज़र सदर बशर अल असद को अपोज़ीशन से बातचीत के लिए दो हफ़्ते का वक़्त दिया था जो कल ख़तम् हो गया।
अरब लीग ने उम्मीद ज़ाहिर की है कि इन के मंसूबा पर शाम अपनार् दामुल पेश करेगा अरब लीग के एक सरबराह क़ुतर के वज़ीर-ए-आज़म शेख़ हम्माद बिन जसीम एव लिसानी ने नामा निगारों को बताया कि बातचीत से ज़्यादा अहम ये है कि तशद्दुद रोकने के लिए अमली इक़दाम किए जाएं ।
उन्होंने कहा कि अरब लीग ने इस मुआमले पर निहायत सख़्त रद्द-ए-अमल का इज़हार किया है। वाज़िह रहे कि मुल़्क शाम और अरब लीग में इस मुआमला पर ये इख़तिलाफ़ है कि मुल़्क शाम यहां के तशद्दुद को अंदरूनी मुआमला समझता है और वो नहीं चाहता है कि इस सिलसिले में कोई बातचीत मुल्क शाम से बाहर की जायॆ ।
इस से क़बल बशार अलासद ने मग़रिबी ताक़तों को ये वार्निंग दी थी कि अगर उन्हों ने मुल्क शाम में मुदाख़िलत की तो ये पूरे ख़ित्ता में आग लगाने के मुतरादिफ़ होगा। बशार अलासद ने अपने मुल़्क की जुग़राफ़ियाई पोज़ीशन के पेशे नज़र कहा था कि अगर इस मुल्क में मग़रिबी ताक़तों में मुदाख़िलत की तो पूरे ख़ित्ता में ज़लज़ला आ जाएगा।
उन्होंने कहा था कि क्या आप इस ख़ित्ता में भी दस अफ़्ग़ानिस्तान देखना चाहते हैं । मुल्क शाम में ज़बरदस्त मुज़ाहिरों के बावजूद बशार अल् असद् के मौक़िफ़ में कोई तबदीली नहीं आई है और उन्होंने अब तक वहां इस्लाहात का काम शुरू नहीं किया है।
मग़रिबी ताकों ने वहां बग़ावत के पेशे नज़र वहां से तेल की बरामद पर पाबंदी भी आइद कर दी थी। अपनी बातचीत के दौरान मिस्टर असद ने अपने मुल़्क की बग़ावत को अपने वालिद हाफ़िज़ अलासद के दौर-ए-हकूमत में यानी 80 की दहाई में मुल्क में फूट पड़ने वाली बग़ावत से तशबीया दी जिस में हज़ारों इस्लाम पसंदों और बाएं बाज़ू के मैंबरों को हलाक करके बग़ावत कुचल दी गई थी।