राजधानी काबुल में स्थित देश के सबसे बड़े कारागार के बाहर हुए आत्मघाती हमले में सात लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में सुरक्षाकर्मी और जेलकर्मी शामिल हैं।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नजीब दानिश ने बताया कि बुधवार तड़के हमलावर ने जेल में काम करने वाले कर्मचारियों को लेकर जा रही बस को निशाना बनाया। गौरतलब है कि पुल-ए-चरखी जेल में सैकड़ों कैदी बंद हैं, जिनमें बड़ी संख्या में तालिबान भी हैं।
जेल के अधिकारी अब्दुल्ला करीमी के मुताबिक, हमला जेल के द्वार के पास हुआ, वहां बड़ी संख्या में आगंतुक जेल में प्रवेश से पहले सुरक्षा जांच के लिए इंतजार कर रहे थे। फिलहाल किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
आपको बता दें काबुल में सोमवार (29 अक्टूबर) को अफगान निर्वाचन कार्यालय को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती हमले में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई थी, जबकि पांच अन्य लोग घायल हो गए। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट समूह ने ली है।
पुलिस प्रमुख बिस्मिल्लाह तबन ने बताया कि बम हमलावर भारी सुरक्षा से घिरे चुनाव आयोग के कार्यालय के दरवाजे की ओर बढ़ रहा था जब पुलिस को उसके इरादों पर संदेह हुआ और उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद हमलावर ने अपने कपड़ों में लगे विस्फोटकों में विस्फोट कर दिया था।
तालिबान और आईएस दोनों ने अफगानिस्तान में संसदीय चुनाव में गड़बड़ी फैलाने की धमकी दी है। अधिकांश प्रांतों में चुनाव 20 अक्टूबर को हुआ था. दक्षिणी कंधार प्रांत में चुनाव पिछले शनिवार को हुआ था।
पहले की खबरों में कहा गया था कि सोमवार को हुए हमले में हमलावर विस्फोटकों से लदा वाहन चलाकर गया था, जबकि तालिबान ने बाद में कहा कि वह पैदल चलकर वहां पहुंचा था।
हमले में प्रांत के पुलिस प्रमुख जनरल अब्दल रजीक की मौत हो गई जबकि कई अन्य प्रांतीय अधिकारी और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।