अफजल गुरु विवाद, जांच रिपोर्ट पुलिस को पेश

नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस को 9 फरवरी के विवादास्पद मामलों की जांच करने के लिए गठित 5 सदस्यीय समिति की रिपोर्ट को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया है। उस दिन कथित तौर पर राष्ट्र दुश्मनी के नारे लगाए गए थे। यह रिपोर्ट दिल्ली पुलिस की आतंकवाद निरोधक इकाई की ओर से चीफ कार्यालय से मांगी गई थी। स्पेशल सेल ने अफजल गुरु को फांसी देने के खिलाफ विश्वविद्यालय परिसर में किए गए विरोध के सिलसिले में देशद्रोह के मामले की जांच शुरू की है।

विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्पेशल सेल ने हमसे लिंक पैदा करके रिपोर्ट विवरण देने की इच्छा है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर‌ खालिद और अनीरबन भट्टाचार्य को फरवरी में देशद्रोह के मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।

इस गिरफ्तारी के बाद विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन फूट पड़ा। अब ये तीनों जमानत पर रिहा हुए हैं। खोजी पैनल की सिफारिशों के आधार पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने इस सप्ताह के शुरू में फरवरी में कार्यक्रम आयोजित करने के सिलसिले में कई छात्रों के खिलाफ जुर्माना लगाने की घोषणा की थी जबकि कन्हैया कुमार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

उन पर आरोप हैकि उन्होंने विश्वविद्यालय के अंदर अनुशासनात्मक और गलत व्यवहार किया। भट्टाचार्य और कश्मीरी छात्र मुजीब गटो पर भी विश्वविद्यालय में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। 14 छात्रों पर बहुपद जुर्माने लगाए गए हैं और दो छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधाएं समाप्त कर दी गई हैं।

विश्वविद्यालय ने दो पूर्व छात्रों के लिए भी प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। एपी वीपी के सदस्य सौरभ शर्मा पर भी जिन्होंने 9 फरवरी के जलसे का विरोध करते हुए शिकायत दर्ज की थी। यातायात रोकने के आरोप के तहत 10 हजार का जुर्माना लगाया गया है। इस रिपोर्ट के दो भाग किए गए हैं। पहले भाग में शिकायतों और जांच की समीक्षा की गई है और दूसरा हिस्सा सिफारिशें शामिल हैं। पिछले महीने विश्वविद्यालय द्वारा खोजी करवाई गई थीं।

इसके बाद 21 छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई थी लेकिन इन जांच को सामने नहीं लाया गया था। खोजी पैनल ने अपनी रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला है कि इस रात भड़काऊ नारे लगाए गए थे और ये नारे विश्वविद्यालय के बाहर के लोगों से मिलकर समूह ने लगाए थे। हालांकि इन घटनाओं दुर्भाग्यपूर्ण है कि छात्रों को कैसे हंगामा करने की खुली अनुमति दी गई। पैनल ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय सुरक्षा इकाई भी कमियों की वजह से यह हंगामा हुआ था।