नई दिल्ली, 19 फरवरी: (एजेंसी) पार्लियामेंट हमले का गुनाहगार अफजल गु़रू की लाश वापस हासिल करने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई गई है। अफजल को 9 फरवरी को फांसी दी गई थी और उसे तिहाड़ जेल में ही दफना कर दिया गया।
उसके घर वाले चाहते है कि अफजल की लाश को उनके हवाले कर दिया जाए, ताकि इस्लामी रस्म व रिवाज़ के मुताबिक उसे दफन किया जा सके, लेकिन हुकूमत ने लाश न लौटाने का मन बना लिया है।
अब हुकूमत के फैसले को एनजीओ गरीब नवाज जेल मुतास्सिर वेलफेयर सोसायटी ने चैलेंज दिया है। दरखास्त में कहा गया है कि मरकज़ी हुकूमत को इस बात की कोई फिक्र नहीं है कि फांसी के बाद कैदी का उसके मज़हबी रीति रिवाज के मुताबिक आखिरी रसूमात का हुकूक है। यह उनके खानदान का बुनियादी हक है।
दरखास्त में कहा गया है कि सेक्युरिटी की बुनियाद पर हुकूमत खानदान से यह हक नहीं छीन सकती है। अफजल गुरू के मामले में हुकूमत ने ऐसा ही किया है। इससे अफजल के खानदान वालों को ज़हनी तकलीफ पहुंची है। अफजल की लाश उसके घर वालों को सौंपा जाना चाहिए ताकि वह इस्लामी रीती रीवाज़ के मुताबिक उसे दफन कर सके।
दरखास्त में फांसी के बाद लाश को उसके घरवालों के हवाले करने के लिए मुनासिब सिम्त हिदायत जारी करने की भी मांग की गई है। दरखास्त करने वाले वाले वकील सनोबर अली कुरैशी और अंबिका राय ने कहा कि अफजल गुरू को दफनाने का फैसला सुप्रीम कोर्ट को लेना चाहिए था। इस मामले में अदलिया की मुदाखिलय जरूरी है।