पटना 18 मई : बिहार हुकूमत के एक आला आइएएस अफसर के रेहायिसगाह की बिजली घंटे भर गुल होना एक स्विच बोर्ड ऑपरेटर को महंगा पड़ गया। दिन ढलते ही कांट्रेक्ट पर काम करने वाला इस मुलाजिम की ख़िदमत ख़त्म कर दी गयी। मामला पेसू मग्रीबी डिविजन के वीवीआइपी इलाके एनसी डिवीजन से जुड़ा है।
जुमेरात की अहले सुबह तकरीबन 2:30 बजे इस इलाके में रहनेवाले एक आला आइएएस अफसर के घर की बिजली तकनीकी गड़बड़ी से गुल हो गयी। उन्होंने फौरी तौर पर एनसी पैनल के फ्यूज कॉल डिपो में फोन पर इसकी शिकायत दर्ज करायी। आधे घंटे बाद भी कोई रिस्पांस नहीं मिलता देख अफसर खुद पेसू दफ्तर पहुंच गये। दीवार फांद कर पहुंचे, तो देखा कि वाहिद स्विच बोर्ड ऑपरेटर केडी सिंह अंदर मौजूद है।
खबर नहीं कर सके
पूछताछ में ऑपरेटर ने काबुल किया कि उनको फोन मिला, लेकिन टेलीफोन की लाइन वन-वे होने से किसी को खबर नहीं कर सकें। आइएएस अफसर ने फौरी तौर पर अस्सिस्टेंट इंजिनियर का नंबर लगाया, पर उनसे बात नहीं हो सकी। फिर जूनियर इंजीनियर को बुलाया गया। इस दौरान घंटे भर से ज्यादा समय तक साहब के घर की बिजली गुल रही। पेसू मुलाज्मिन के इस रवैये से खफा आला आइएएस ने सुबह होते ही महकमा तूअनाई में इसकी शिकायत की।
महकमा ने जुनुबी बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के इंचार्ज एमडी संजय कुमार अग्रवाल से पूछा। मामले की संजीदगी को देखते हुए एमडी ने पेसू के अफसरों से इसकी पूरी जानकारी ली। इसके बाद मुताल्लिक ओहदेदारों को लाइन हाजिर भी किया गया। लेकिन, आखिर में स्विच बोर्ड ऑपरेटर ही बलि का बकरा बना। इन्तेज़मी वजह का हवाला देते हुए उसकी ख़िदमत ख़त्म कर दी गयी।
मुखालफत में किया मुज़ाहेरा
इधर, इस मामले में सबसे निचली सतह के अहलकार को कसूरवार ठहराने को गलत बताते हुए बिजली तकनीकी कामगार यूनियन ने जुम्मा को पेसू दफ्तर के सामने मुज़ाहेरा किया। यूनियन के ओहदेदारों ने डीजीएम एके श्रीवास्तव से मिल कर पूरे वाकियात की जानकारी दी और सिर्फ स्विच बोर्ड ऑपरेटर को गलत ठहराने की तनकीद की।