अफ़्ग़ानिस्तान को साबिक़ा हालत में पहुंचने ना दिया जाय : हिंदूस्तान

अक़वाम-ए-मुत्तहिदा 21 दिसमबर (पी टी आई) बैन-उल-अक़वामी अफ़्वाज 2014-ए-तकअफ़्ग़ानिस्तान का मुकम्मल तख़लिया करदेंगे। हिंदूस्तान ने आज आलमी बिरादरी से कहा कि वो इस बात को यक़ीनी बनाए कि अफ़्ग़ानिस्तान की साबिक़ा हालत बहाल ना होने पाए। हिंदूस्तान ने कहा कि दहश्तगरदों की महफ़ूज़ पनाह गाहों के ख़िलाफ़ जो अफ़्ग़ानिस्तान की सरहदों के परे क़ायम हैं, कार्रवाई के लिए सयासी अज़म की ज़रूरत है। हिंदूस्तान के सफ़ीर बराए अक़वाम-ए-मुत्तहिदा मंजीर सिंह पूरी ने अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की सलामती कौंसल ने अफ़्ग़ानिस्तान के मौज़ू पर मुबाहिसा में हिस्सा लेते हुए कहा कि ये बात बहुत अहम है कि माज़ी की ग़लतीयों से दरुस्त सबक़ हासिल किए जाएं और अफ़्ग़ानिस्तान को इस की साबिक़ा हालत में दुबारा पहुंचने ना दिया जाय।

उन्हों ने कहा किबैन-उल-अक़वामी बिरादरी के लिए ज़रूरी है के अफ़्ग़ानिस्तान को नाकाम बनाने केइमकानात से गुरेज़ करे। उसे अपने अलग थलग होने का एहसास ना हो पाए जबकि 2014 के बाद उसे ग़ैरमुल्की फ़ौजी ताईद हासिल नहीं रहेगी। हिंदूस्तानी सफ़ीर ने कहा कि हमें इस बात को यक़ीनी बनाना चाहीए कि अफ़्ग़ानिस्तान की सलामती बरक़रार रहे।

इस के दाख़िली उमूर में कोई ख़ारिजी मुदाख़िलत ना हो। हिंदूस्तान एक ताक़तवर, आज़ाद, ख़ुदमुख़तार, मुस्तहकम और जमहूरी अफ़्ग़ानिस्तान के साथ पुर अमन ताल्लुक़ात रखना चाहता है। हिंदूस्तान दरहक़ीक़त अपने तमाम पड़ोसीयों से उसे ही ताल्लुक़ात का ख़ाहां है।हालिया तारीख़ से ज़ाहिर होता है के अफ़्ग़ानिस्तान की मुश्किलात के ख़ातमा केलिए बहैसीयत मजमूई इस के दाख़िली उमूर में बैरूनी मुदाख़िलत का ख़ातमा होजाए। उन्हों ने निशानदेही की कि अफ़्ग़ानिस्तान को 4 कलीदी महाज़ों सयानत, हुक्मरानी, तरक़्क़ी औरसरमाया कारी के फ़ुक़दान का सामना है।