अफ्रीका में गैर-संक्रामक रोगों के विकसित होने का सबसे ज़्यादा खतरा है

अफ्रीका में लाखों लोगों के २०२० तक गैर-संक्रामक रोगों (एनसीडी) के कारण मरने का अनुमान लगाया गया है,  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ -अफ्रीकी क्षेत्र) ने कई सारे देशो के सर्वेक्षण का समर्थन किया है जिनमे वे इन बीमारियों के बढ़ने के कारणों का पता लगा रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी एक रिपोर्ट जिसमे उन्होंने उपलब्ध सभी आंकड़ों को शामिल किया है, उससे पता चलता है की गैर-संक्रामक रोगों के कारण लोगो की मृत्यु का खतरा इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि ज़्यादातर व्यस्को मे कम से कम एक जोखिम कारक ज़रूर है जिसके कारण वे गैर-संक्रामक रोगों से पीड़ित हो सकते हैं ।गैर-संक्रामक में कई रोग आते हैं जिनमे से कुछ है – हृदय रोग, कैंसर, टाइप 2 मधुमेह और क्रोनिक प्रतिरोधी फेफड़े की बीमारियां।
एनसीडी बीमारियों का बोझ पिछले दशक से धीरे-धीरे बढ़ रहा है। इनसे २०३० तक संक्रामक रोगों से होने वाली बीमारियों और मौत से मरने वालों की संख्या बढ़ने वाली है।
“विश्वभर मे एनसीडी से मारने वालो की संख्या अगले ४ सालों में ४४ मिलियन हो जाएगी , जो डब्ल्यूएचओ के २०१० के अनुमान से १५ प्रतिशत ज़्यादा है । हाल के कुछ सालो में दुनिया का ध्यान और संसाधन तत्काल खतरा विकसित करते ज़ीका और इबोला वायरस पर गया है “अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक, डॉ मत्शिडिसो मोइती ने कहा।
इन रिपोर्टों से पता चलता है की हमे इन जानलेवा वाइरसों के खतरो से लड़ने के साथ साथ इन गैर-संक्रामक रोगों पर भी ध्यान देना होगा , विशिष्ट रूप से जब हम जानते हैं की अपने व्यवहार और जीवन शैली को बदल कर हम रोगों से बच सकते हैं।
एनसीडी से बचने के लिए लोगो को अपनी चार आदतों को बदलना पड़ेगा जिनके कारण वे सबसे ज़्यादा खतरे में हैं – तंबाकू का इस्तेमाल, शराब का हानिकारक उपयोग, अपोषित आहार (फलों और सब्जियों का दैनिक इस्तेमाल न करना), और शारीरिक गतिविधि का काम उपयोग । आधे से ज़्यादा अफ्रीकी देशो मे एक चौथाई लोग इनमे से ३ कारणों से एनसीडी के खतरों से जूझ रहे हैं। इनमे ज़्यादातर महिलाये हैं जो ४५ – ६४ वर्ष की हैं, उन्होंने कहा ।
डब्ल्यूएचओ के एनसीडी क्लस्टर के कार्यवाहक निदेशक, डॉ अबदिकमल अलिसलाद के अनुसार, अफ्रीकी क्षेत्र में लोगो में सबसे ज़्यादा उच्च रक्तचाप की बीमारी पायी जाती है। दुनिया में सबसे ज़्यादा वयसिक (४६ प्रतिशत) जो उच्च रक्तपात से ग्रसित हैं वे अफ्रीका में पाए जाते हैं।
उच्च रक्तपात से हमारा ह्रदय कमज़ोर हो जाता है जिसके कारण दिल का दौरा, दिल के विफल होने का और धमनियों में खून जमने की सम्भावना बढ़ जाती है। इन सभी कारणों से स्ट्रोक, गुर्दे की क्षति और दृष्टि हानि होने की सम्भावना होती है । परंतु, उच्च रक्तचाप का उपचार अच्छी जीवन शैली और दवा के माध्यम से किया जा सकता है,” अलिसलाद ने कहा ।