मियामी 04 नवंबर (राइटर्स) अबदुर्रहीम अंसारी जो ग्वांतानामोबे के क़ैदी हैं उन पर इल्ज़ाम है कि उन्हों ने 2000 -ए-में यू ऐस इस्कूल अमरीकी बहरी जंगी जहाज़ पर हमले की मंसूबा बंदी की थी ।
इमकान है कि वो अपनी बाक़ी ज़िंदगी क़ैदख़ाने में ही गुज़ारेंगी। हुकूमत अमरीका के जारी करदा दस्तावेज़ात के बमूजब अंसारी पर आइन्दा हफ़्ते ग्वांतानामोबे की अदालत में मुक़द्दमा चलाया जाएगा।
इन पर फ़र्द-ए-जुर्म आइद की जाएगी कि उन्हों ने अमरीकी बहरी जंगी जहाज़ पर यमन की बंदरगाह के क़रीब 2000 -ए-में बमबारी के मंसूबा में मदद दी थी।
इस हमले में 17 अफ़राद हलाक और दीगर 37 ज़ख़मी होगए थी। अगर वो मुजरिम क़रार दिए जाएं तो उन्हें सज़ाए मौत दी जाएगी ।
उन के वकील सफ़ाई ने दो हफ़्ते क़बल एक दरख़ास्त पेश करते हुए हुकूमत से मुतालिबा किया है कि वज़ाहत की जाय कि क्या हुकूमत का इरादा अलनशीरी को फ़ौजी क़ैदख़ाने में मुसलसल क़ैद रखने का है।
अगर वो बेक़सूर साबित होजाएं तो क्या ऐसी सूरत में भी उन्हें रहा नहीं किया जाएगा क्योंकि अलनशीरी फ़ौजी क़ैद में ही। हुकूमत का दावा है कि अंसारी को फ़ैसला चाहे कुछ भी हो बाक़ी उम्र क़ैद रखा जा सकता है ।
अलनशीरी पर अज़ीयत रसानी की हद कर दी गई , उन पर वाटर बोर्डिंग और दीगर किस्म की अज़ीयत रसानी के तरीक़े आज़माऐ गई, उन के सामने सज़ाए मौत पर अमल आवरी का ड्रामा किया गया जिस में एक बंदूक़ बर्दार भी शामिल था।
अपने ब्यान में उन्हों ने दावा किया है कि जिस वक़्त से पाँच साल क़बल उन्हें गिरफ़्तार किया गया है वो मुसलसल अज़ीयत रसानी का निशाना हैं ।