* अगर कांग्रेस मुझे बेकार समझती है तो मैं हुकूमत छोड़ने तैयार हूँ :चीफ़ मिनिस्टर पश्वीमी बंगाल , प्रणब मुखर्जी यू पी ए उम्मीदवार
नई दिल्ली। सदर जमहूरीया(राष्ट्रपती पद) के चुनाव के लिए सियासी बाज़ार गर्म होरहा है। इस मसले पर यू पी ए हुकूमत का मुस्तक़बिल(भवीष्य) ख़तरे में दिखाई देता है। सब से अहम मददगार पार्टी तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने साफ साफ कह दिया है कि डाक्टर ए पी जे अबदुल कलाम हमारे उम्मीदवार होंगे।
यू पी ए की तरफ से प्रणब मुखर्जी को उम्मीदवार बनाए जाने की कोशिशें जारी हैं। मुल्क के सियासी उफ़क़ पर असर पडने वाले बड़ी तबदीलीयों से पहले मददगार पार्टीयों के अंदर रस्साकशी शुरू होचुकी है। ममता बनर्जी ने कांग्रेस को ललकारते हुए कहा कि अगर वो मुझे (ममता बनर्जी) बेकार समझती हैं तो मैं यू पी ए हुकूमत छोड़ने तैयार हूँ।
राष्ट्रपति भवन के ओहदे के चुनाव के लिए प्रणब मुखर्जी और साबिक़ सदर जमहूरीया(पुर्व राष्ट्रपती) ए पी जे अबदुल कलाम के दरमयान मुक़ाबला होने कि सम्भावना है। दो इलाक़ाई पार्टीयों ने अबदुल कलाम की हिमायत की है। बी जे पी, बाएं बाज़ू पार्टीयों और दुसरों ने अभितक अपना ज़हन नहीं बनाया है।
वज़ीर-एआज़म(प्रधानमंत्री) मनमोहन सिंह और सोमनाथ चटर्जी के नामों का कल समाजवादी पार्टी और टी एमसी की तरफ से यकतरफ़ा एलान पर झटके का सामना करनेवाली कांग्रेस ने आज फ़ैसला किया कि वो सदारती(राष्ट्रपती पद के) उम्मीदवार के चुनाव के लिए यू पी ए की दुसरी मददगार पार्टीयों से बातचीत करेंगी।
केन्द्रीय फैनान्स मंत्री प्रणब मुखर्जी यू पी ए के असल दावेदार बन कर उभर रहे हैं, लेकिन आज रात सियासी हलक़ों में ये बात फैली हुई है कि अगर सदारती (राष्ट्रपती पद के)उम्मीदवार के लिए मुक़ाबला होना यक़ीनी होजाए तो नए नाम पर भी ग़ौर किया जा सकता है और इस नए नाम के लिए लोक सभा स्पीकर मीरा कुमार भी उम्मीदवार होसकती हैं।
कांग्रेस सोनीया गांधी, मनमोहन सिंह, प्रणब मुखर्जी, पी चिदम़्बरम, ए के एंटोनी और अहमद पटेल ने आज मुलाक़ात करके सदारती उम्मीदवार के लिए हिक्मत-ए-अमली पर ग़ौर किया। इन लिडरों ने अहम मददगार पार्टीयों डी एम के और उन सी पी से भी मश्वरें कीयें जिन्हों ने किसी भी कांग्रेस के उम्मीदवार की हिमायत का इस से पहले एलान किया था।
कांग्रेस के मोतबर सुत्रो ने कहा कि पार्टी का ध्यान सिर्फ एक उम्मीदवार यानी प्रणब मुखर्जी पर लगा हुवा है, इस लिए पार्टी तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी से टकराने की हिम्मत रखती है। इन दोनों पार्टीयों ने आज वाज़िह तौर पर एलान किया था कि वो अबदुल कलाम की हिमायत करेंगे।
सुत्रो ने कहा कि इस में कोई दो राय नहीं है कि यू पी ए की मददगार पार्टीयों ने इशारा दिया है कि वो कल इस मौज़ू पर दुबारा बातचीत करेंगी और मिलीजुली हुकूमत के सब के पसंदिदा उम्मीदवार को तय किया जाएगा। दो उम्मीदवारों के दरमयान किसी एक के चुनाव के लिए जारी रस्साकशी के दरमयान ममता बनर्जी ने कहा कि वो अपनी तरफ से यू पी ए हुकूमत को गिराना नहीं चाहती, लेकिन वो ये नहीं कहेंगी कि यू पी ए हुकूमत गिर जाएगी या वो हुकूमत से अलग होजाएंगी। अब मसला कांग्रेस की अदालत में है।
उन्हों ने कांग्रेस के सदर सोनीया गांधी को ललकारते हुए कहा कि वो उन्हें अपने इत्तिहाद से अलग करदे। उन्हों ने दावा किया कि वो अभितक यू पी ए का हिस्सा हैं, लेकिन कांग्रेस उन्हें हुकूमत छोड़ने के लिए कह सकती है। अपने मौक़िफ़ पर अटल रहते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने भी सदारती चुनाव में इन की हिमायत का यकिन दिया है।
इस दरमयान ये इशारा देते हुए कि समाजवादी पार्टी सदारती(राष्ट्रपती पद के) उम्मीदवार पर समझौता के लिए तैयार होसकती है, इस के लीडर मोहन सिंह ने आज कहा कि वो बी जे पी कि क़ियादत वाली एन डी ए के साथ एकता नहीं कर सकती है। उन्हों ने पी टी आई को बताया कि अब भि वक़्त ख़त्म नहीं हुआ है। अगर अब भी बातचीत होती है तो मुलायम सिंह यादव और ममता बनर्जी को तरग़ीब दी जा सकती है। मोहन सिंह ने कहा कि एस पी ने ख़ुद अपने तौर पर कभी भी सदारती(राष्ट्रपती पद के) उम्मीदवार के लिए किसी नाम पर नहीं सोचा और यू पी ए के साथ खुली बेहस करना चाहती है।उन्हों ने कहा, हम वाज़िह वजहों के सबब एन डी ए के साथ नहीं होसकते हैं।