अबू जिंदाल की हाज़िरी के लिए दिल्ली की अदालत का वारंट

नई दिल्ली, ०४ नवंबर (पीटीआई) दिल्ली की एक अदालत ने लश्कर-ए-तयबा के एक मुश्तबा दहशतगर्द और 26/11 मुंबई हमलों के एक अहम साज़िशी अबू जिंदाल को 26 नवंबर को अपने इजलास पर पेश करने का हुक्म दिया है । क्योंकि अदालती तहवील की मुद्दत गुज़रने के बाद उस को अदालती इजलास पर पेश नहीं किया जा सकता ।

जेल हुक्काम की जानिब से ये कहे जाने के बाद कि अबू जिंदाल को अदालत में पेश नहीं किया जा सकता क्योंकि वो गुजरात ए टी एस की तहवील में है । दिल्ली के डिस्ट्रिक्ट जज आई एस महित ने अदालत में हाज़िरी के लिए जिंदाल की पेशी के लिए वारंट जारी किया है ।

गुजरात ए टी एस ने 2006 के दौरान अहमदाबाद स्टेशन पर कर्णावती एक्सप्रेस ट्रेन धमाका में मुबय्यना रोल पर पूछगिछ के लिए अबू जिंदाल को अपनी तहवील में लिया था । अबू जिंदाल को इस ट्रेन धमाका के अहम साज़िशियों में से एक क़रार दिया गया है । क़ौमी तहक़ीक़ाती इदारा ( एन आई ए) की तरफ़ से अबू जिंदाल के ख़िलाफ़ इस साल एक एफ़ आई आर दर्ज किया गया था ।

इस ज़िमन में वो आज तक के लिए अदालती तहवील में था । एन आई ए ने कहा है कि इस मुक़द्दमा में अब अबू जिंदाल को अपनी तहवील में रखते हुए मज़ीद ( और) पूछगिछ करने की कोई ज़रूरत नहीं है । जामा मस्जिद दिल्ली पर हमले के मुक़द्दमा में तहक़ीक़ात करने वाली दिल्ली पुलिस की जानिब से भी ये कहा गया था कि उन्हें अब इस से मज़ीद पूछगिछ करने की कोई ज़रूरत नहीं है ।

जिस के बाद अबू जिंदाल को मुंबई ए टी एस के हवाले किया गया था जिस ने औरंगाबाद में अस्लाह के ज़ख़ीरा (Stock) की दस्तयाबी के मुक़द्दमा के इलावा 26/11 मुंबई हमले और पुने की जर्मन बेकरी के ज़िमन में इससे पूछगिछ करने की ख़ाहिश ज़ाहिर की थी । मुंबई ए टी एस ने अबू जिंदाल से नासिक एकेडमी पर हुए हमले पर भी पूछगिछ किया था ।

बादअज़ां ( इसके बाद) इसको दुबारा दिल्ली वापस लाया गया था और 4 अक्टूबर को मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था ।