अबू सलेम को राहत मिलने के इम्कान

नई दिल्ली, ०२ दिसंबर: अबू सलेम पर 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों के इल्ज़ामों को सीबीआई वापस ले सकती है। इसके लिए सीबीआई कानूनी सलाह भी ले रही है। इसके लिए सीबीआई दिल्ली और मुंबई पुलिस की तरफ से सलेम पर लगाए गए इल्ज़ामो को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। ऐसा हिंदुस्तान की तरफ से पुर्तगाल कोर्ट को किए गए वायदे के मद्देनजर किया जा रहा है।

इसके पीछे एक बड़ी वजह हिंदुस्तान की दलीलों को पुर्तगाल कोर्ट की तरफ से खारिज करना बताया जा रहा है। इस अपील के तहत हिंदुस्तान ने अबू सलेम पर 1993 में हुए मुंबई हमलों का मामला चलाने की इज़ाज़त मांगी थी।

इस हमले में 250 लोग हलाक हुए थें। इसके बाद 11 नवंबर 2005 को अबू सलेम को हवालगी संधि के तहत पुर्तगाल से लाया गया था। लेकिन पुर्तगाल कोर्ट के मुताबिक सलेम को तभी हवाला किया गया है जब इस बात को हामी भरी गई कि उसको न तो फांसी की सजा दी जा सकती है और न ही उसको 25 साल से ज़्यादा की सजा सुनाई जा सकती है। इस सिलसिले में हिंदुस्तान सितंबर 2010 में पुर्तगाल कोर्ट में शिकस्त हो चुका है।

इस बीच पुर्तगाल की कोर्ट ने सलेम पर मुंबई बम धमाकों का इल्ज़ाम लगाना दोनों मुल्कों के बीच हुए हवालगी करार की खिलाफवर्जी माना है, जिसके बाद उसने सलेम के हवालगी को रद्द कर दिया है। सीबीआई ने मौजूद मसलो के मद्देनजर सलेम से 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों का इल्ज़ाम उसपर से हटाने का मन बनाया है।

अगर हिंदुस्तान पुर्तगाल कोर्ट को नजरअंदाज कर सलेम पर मुंबई बम धमाकों के तहत मुकदमा चलाती है तो मुस्तकबिल में पुर्तगाल से किसी भी मुल्ज़िम की हवालगी हिंदुस्तान के लिए मुश्किल हो जाएगा।