अबू ज़िंदाल के ख़िलाफ़ फ़र्द-ए-जुर्म मुल्ज़िम की जानिब से बेक़सूरी का दावा

मुंबई, 09 फरवरी: ( पी टी आई) मुंबई की ख़ुसूसी मकोका अदालत ने 26/11 हमलों के एक मुल्ज़िम ज़बीह उद्दीन अंसारी उर्फ़ अबू ज़िंदाल के ख़िलाफ़ औरंगाबाद में 2006 के असलाह के एक मुक़द्दमा में फ़र्द-ए-जुर्म आइद कर दिया ।

क़ब्लअज़ीं ए टी एस ने कहा कि अबू ज़िंदाल 1996 से दहशतगर्द सरगर्मीयों में मुलव्वस रहा है । ताहम अबू ज़िंदाल ने अदालत में अपनी बेक़सूरी का दावा किया । जब उनके ख़िलाफ़ इल्ज़ामात पढ़ कर सुनाए गए ज़िंदाल ने तमाम इल्ज़ामात को ग़लत क़रार दिया और कहा कि वो कभी भी सिमी या लश्कर-ए-तयेबा जैसी ममनूआ तंज़ीम का रुकन नहीं रहा है ।

इस दौरान ज़िंदाल के वकील ने अदालत में एक दरख़ास्त दायर करते हुए कहा कि उन्हें आर्थर रोड जेल की तन्हा कोठरी में नहीं रखा जा सकता है । 8 मई 2006 को महाराष्ट्रा ए टी एस टीम ने टाटा सूमो और एक इंडिका कार का चानदवाड़ । मनमाड़ हाई वे पर तआक़ुब करते हुए ज़िंदाल और दीगर तीन मुश्तबा दहशतगर्दों को गिरफ़्तार किया था और उनके क़बज़ा से मुबय्यना तौर पर 30 किलो आर डी एक्स 10 ए के 47 राईफ़ल्स के इलावा 2300 बुलेट बरामद किए गए थे ।

पुलिस का दावा है कि गिरफ़्तारी से क़बल अबू ज़िंदाल इंडिका कार चला रहा था जो पुलिस को चकमा दे कर मालेगाँव की तरफ़ निकल गया और माह मई के दौरान गिरफ़्तारी से बचने के लिए बंगला देश फ़रार हो गया था । मुल्ज़िम के वुकला ने कहा है कि अबू ज़िंदाल का कभी भी किसी ममनूआ तंज़ीम से कोई ताल्लुक़ नहीं रहा है । उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तयेबा या सिमी जैसी तंज़ीमों से अबू ज़िंदाल का कोई ताल्लुक़ नहीं है और ना ही वो इंतेहापसंद सरगर्मीयों में मुलव्वस रहा है ।

वुकला ने अपने मुवक्किल को मुंबई की सख़्त हिफ़ाज़ती आर्थर रोड जेल में जेल की एक तारीक कोठरी में तन्हा रखे जाने पर भी ऐतराज़ किया और कहा कि इनका मुवक्किल किसी संगीन जुर्म में मुलव्वस नहीं रहा है ।