अब्दुल्लाह याफ़ई को बंदूक़ फ़रोख़त करने वाले से जरह

हैदराबाद 12 अगस्त: अकबरुद्दीन ओवैसी हमला केस की समाअत का सिलसिला रोज़ाना की असास पर जारी है। समाअत के दौरान हमला केस के मुल्ज़िम अबदुल्लाह बिन यूनुस याफ़ई को बंदूक़ फ़रोख़त करने वाले आरमरी के प्रोप्रिएटोर ने अदालत में अपना बयान कलमबंद करवाया। जिस पर स्पेशल पब्लिक प्रासीक्यूटर ओमा महेश्वर राव‌ ने जरह किया।

स्टेशन रोड आबिडस पर वाक़्ये आरमरी की दूकान के प्रोप्रिएटोर जो इस केस के गवाह नंबर 25 है ने अदालत में दिए गए अपने बयान में बताया कि उसने अबदुल्लाह याफ़ई को बंदूक़ फ़रोख़त की थी। पब्लिक प्रासीक्यूटर ने जरह के दौरान गवाह से ये सवाल किया कि क्या असलाह फ़रोख़त करने का रिकार्ड रखा जाता है। गवाह ने जवाब दिया कि उनके आरमरी से फ़रोख़त होने वाले तमाम असलाह रिवाल्वरस और दुसरे बंदूक़ वग़ैरा का तफ़सीली रिकार्ड मौजूद है।

पब्लिक प्रासीक्यूटर ने सवाल किया कि क्या असलाह ख़रीदने वाले लोगों की दस्तख़त हासिल की जाती है और क्या ये रिकार्ड वक़तन फ़वक़तन पुलिस को पेश किया जाता है ? गवाह ग़ुलाम अबदुलक़ादिर ने बताया कि असलाह ख़रीदने वाले लोगों की रजिस्टर में दस्तख़त ली जाती है और तमाम रेकॉर्ड्स को मुक़र्ररा मुद्दत के बाद पुलिस में पेश किया जाता है।

अबदुल्लाह याफ़ई के आर्म्स लाईसेंस से मुताल्लिक़ सवाल किए जाने पर गवाह ने बताया कि उनके गाहक ने साल 2011 में आर्म्स लाईसेंस रिन्यूअल करवाई थी और ये लाईसेंस 16 दिसम्बर साल 2013 तक कारकरद था।

बयान में ये बताया गया कि उन्होंने मज़कूरा रिकार्ड और दुसरे तफ़सीलात हमला केस की तहक़ीक़ात कर रही पुलिस टीम को वाक़िफ़ करवाया था और इस सिलसिले में अपना बयान भी कलमबंद किया था। गवाह ने अदालत में अबदुल्लाह बिन यूनुस याफ़ई की निशानदेही करते हुए असलाह ख़रीदे जाने की तसदीक़ की।