अब्दुल फ़त्ताह अलसीसी की हलफ़ बर्दारी

मिस्र के साबिक़ सरब्राह फ़ौज अब्दुल फ़त्ताह अलसीसी को आज मुल्क के नए सदर की हैसियत से हलफ़ दिलवाया गया। मई के इंतिख़ाबात में उन्हों ने ज़बरदस्त इंतिख़ाबी कामयाबी हासिल की है। इस तरह इक़्तेदार पर फ़ौज की गिरिफ़्त मज़ीद मज़बूत हो गई है। जब कि मुल्क में सफ़ बंदी की सूरते हाल पाई जाती है।

59 साला सीसी को गुज़िश्ता हफ़्ता 96.6 फ़ीसद वोट हासिल करने के बाद मुल्क का नया सदर मुक़र्रर किया गया था। तक़रीबन एक साल पहले उन्हों ने इस्लाम पसंद क़ाइद मुहम्मद मुर्सी को इक़्तेदार से बेदख़ल कर दिया था। उन्हों ने चार साला मीयाद के लिए एक तक़रीब में अपने ओहदा का हलफ़ लिया जो सुप्रीम कोर्ट की दस्तूरी जेनरल असेंबली के इजलास में मुनाक़िद की गई थी।

बादअज़ां उन्हें क़ौमी तराना के बाद 31 तोपों की सलामी दी गई वो मिस्र के सातवें सदर हैं। इतवार का दिन क़ौमी तातील का दिन क़रार दिया गया है। एक सादा सी तक़रीब में वज़ीरे आज़म इब्राहीम महलाब और उन की पूरी काबीना अलसीसी की शरीके हयात और बच्चों ने शिरकत की।

अब्दुल फ़त्ताह अलसीसी नीले रंग के सूट में मलबूस थे वो सुबुकदोश होने वाले उबूरी सदर अदली मंसूर के हमराह हाल में दाख़िल हुए। तक़रीब का टी वी पर रास्त टेलीकास्ट किया गया जिस का आग़ाज़ तिलावते कलाम पाक से हुआ। तक़रीब इफ़्तिताह इत्तिहादिया और अलख़ुबिया सदारती महलात में जारी रहेगी जिस में कई ग़ैर मुल्की नुमाइंदे शिरकत करेंगे।

उन्हों ने कहा था कि वो सीसी के साथ ग़रीबी तआवुन के ज़रीया बाहमी ताल्लुक़ात को आइन्दा बरसों में मज़ीद मुस्तहकम करना और वुसअत देना चाहते हैं ताकि दोनों ममालिक के अवाम की आरज़ूओं की तकमील हो सके।