अब आएंगे अच्छे दिन: इंदौर के अस्पतालों में बढ़ी गुप्त दान देने वालीं की गिनती

इंदौर: केंद्र सरकार द्वारा बंद किए गए 500 और 1000 के नोट जहाँ देश के अमीरों और बड़े व्यापारियों के लिए परेशानी का कारण बन गए हैं वहीँ मुसीबत में गरीबों के लिए वरदान बन गए हैं। सरकार के इस फैसले से उन लोगों को जीवन मिलने लगा है, जो पैसे न होने के कारण अस्पतालों से  इलाज नहीं करा पा रहे थे। इंदौर के महाराजा यशवंतराव हॉस्पिटल में गरीब मरीजों के इलाज और दवाइयों में मदद के लिए परपीड़ाहर संस्था को एक ही दिन में 3 लाख रुपए का दान मिल गया। ऐसा लग रहा है जैसे 500 और 1000 के नोट एकदम से बंद किये जाने पर अमीरों के मन में अचानक से दया-भाव आ गया है। जिन्होंने काफी ज्यादा जमाखोरी करके रखी हुई थी जो अब बदलवा नहीं पा रहे हैं वे मरीजों के लिए दान दे रहे हैं। जैसे ही सरकार का इस मामले में फैसला सामने आया तभी से कालाधन छिपाये बैठे लोग धड़ाधड़ दान देने में लग गए हैं।  आपको बता दें सरकारी अस्पतालों में 11 नवंबर तक 500 और हजार के नोट लिए जा रहे हैं। परपीड़ा हर संस्था के राधेश्याम साबू, आरके श्रीवास्तव ने धन चाहे कोई भी हो ये मायने नहीं रखता। अच्छी बात ये है की यह गरीब मरीजों के लिए जीवनदायी बन रहा है। लोग गुप्त तरीके से दान दे रहे हैं और दान  देने के लिए संपर्क कर रहे हैं।