मध्य प्रदेश: राज्य की पुलिस आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए गड़बड़ी फ़ैलाने की किसी भी कोशिश को रोकने के लिए सख्ती से कार्यवाही करने को मुस्तैद है. इसी क्रम में अपराध तथा चुनावी हिंसा के लिए बदनाम भिंड जिले में वारंटी अपराधियों पर शिकंजा कसा जा रहा है.
विधान सभा चुनाव से अपराधियों को दूर रखने की कवायद
इसके तहत इस साल अब तक 4,876 ऐसे अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनके खिलाफ जिले की विभिन्न अदालतों ने स्थायी एवं गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं. भिण्ड जिले के पुलिस अधीक्षक रूडोल्फ अल्वारेस के मुताबिक विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर इन दिनों वारंटियों पर सबसे ज्यादा फोकस है.
इसके तहत इस साल अब तक 3,461 स्थायी वारंटियों में से 1,015 वारंटियों को पकड़ा जा चुका है, जबकि 5,542 वारंटियों में से 3,861 को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए भिण्ड जिले की पुलिस ने चुनाव से पहले इन वारंटियों को सलाखों के पीछे भेजने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. इसके तहत पहली बार इनके नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की कार्यवाही की जाएगी.
निर्वाचन आयोग से नाम हटाने की करेंगे सिफारिश
अल्वारेस ने बताया कि इन सभी वारंटियों को थाना स्तर से एक नोटिस जारी किया जाएगा. यदि यह नोटिस तामील होता है और फिर भी उनकी गिरफ़्तारी नहीं होती है तो ऐसे लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजा जाएगा. इसके बाद इन वारंटियों के नाम मतदाता सूची से बाहर कर दिए जाएंगे.
निर्वाचन कार्यों में लापरवाही पर निलंबन
वहीं, निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरतने पर भिण्ड कलेक्टर आशीष कुमार गुप्ता के आदेश पर पांच बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) सहित 27 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, अध्यापक, सहायक शिक्षक और सचिवों को निलंबित किया गया है.
इसकी जानकारी देते हुए गुप्ता ने बताया कि लगातार चेतावनी देने के बाद भी अपने कार्य में सुधार नहीं लाने के कारण इनके खिलाफ कार्रवाई की गई. ऐसा पहली बार होगा जब अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए वारंटी अपराधियों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे.
अब यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा कि मध्यप्रदेश पुलिस की यह योजना कितनी कारगर साबित होती है. लेकिन अपराधियों पर अंकुश लगाने का यह बेहतरीन प्रयास है.(इनपुट एजेंसी)