अब जगन से पूछताछ करेगे इन्फोर्समेंट डाइरेक्टर‌

हैदराबाद | सीबीआई के बाद अब इन्फोर्समेंट डाइरेक्टर की बदउनवानियों के इल्जामों में गीरफतार एमपी वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी पर शिकंजा कसने की तैयारी है।

इन्फोर्समेंट डाइरेक्टर‌ ने बुधवार को सीबीआई की अदालत में अरजी दाखिल करके वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगन से पूछताछ करने की इजाजत मांगेगा। इससे पहले 28 मई को अदालत ने जगन को दो हफते की अदालती हिरासत में भेजा। इन्फोर्समेंट डाइरेक्टर‌ के ओफिसरों का एक ग्रूप‌ दिल्ली से हैदराबाद पहुंच गया है और यहां अपने ओफिसरों के साथ जांच आगे बढ़ाने पर विचार कर रहा है।

ओफिसरों ने सीबीआई ओफिसरों से भी चर्चा की है। इन्फोर्समेंट के डाइरेक्टर‌अधिकारी जगन से बलेकमनी को वैध बनाने से रोकने वाले अधिनियम (पीएमएलए) व विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन के सम्बंध में सवाल करेंगे। निदेशालय पहले ही जगन व उनके सहयोगियों और कुछ नौकरशाहों के खिलाफ इन दो अधिनियमों के तहत मामले दर्ज कर चुका है। निदेशालय के अधिकारी जगन से उनकी कम्पनियों में वित्तीय लेन-देन के सम्बंध में पूछताछ कर सकते हैं। कडप्पा सांसद जगन से उनके व उनकी कम्पनियों द्वारा विदेशों में किए गए निवेश व फिर वही धन वापस अपने व्यवसाय में लगाने के सम्बंध में पूछताछ की जाएगी। सीबीआई ने जगन पर अपने पिता व तत्कालीन मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के साथ षडयंत्र रचकर अपनी कम्पनियों के लिए निवेश प्राप्त करने का आरोप लगाया है। सीबीआई का आरोप है कि जगन ने इसके एवज में विशेष आर्थिक क्षेत्र, भूमि व अन्य रियायतों में निवेशकों को लाभ पहुंचाया। निदेशालय सीबीआई द्वारा जगन व 12 अन्य के खिलाफ मार्च में दाखिल किया गया पहला आरोपपत्र व अन्य सम्बंधित दस्तावेज पहले ही प्राप्त कर चुका है। निदेशालय ने पीएमएलए के तहत जगन की सम्पत्तियों की एक सूची भी तैयार की है। जगन से पूछताछ के बाद कुर्की के आदेश जारी किए जा सकते हैं।

जगन देश के सबसे अमीर सांसदों में से एक हैं। उन्होंने पिछले साल कडप्पा लोकसभा सीट पर उप-चुनावों के समय अपनी 356 करोड़ रूपये की सम्पत्ति जाहिर‌ की थी। सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय के अलावा इंकमटेक्स‌ विभाग भी जगन के खिलाफ जांच कर रहा है। इंकमटेक्स‌ विभाग की जांच तब शुरू हुई जब जगन ने अप्रैल-सितम्बर 2010-11 के लिए 84 करोड़ रुपये का अग्रिम कर जमा किया जो पहले ही तुलना में बहुत ज्यादा था। उन्होंने साल 2008-09 में सिर्फ 2.92 लाख व 2009-10 में 6.72 लाख रुपये का कर जमा किया था।