अब तक कोई कबायली ( जनजातीय) सदर जमहूरीया के ओहदा पर फ़ाइज़ ( नियुक़्त) नहीं हुआ : बी जे डी

सदारती इंतिख़ाब ( राष्ट्रपती चुनाव) की दौड़ में बी जे पी की जानिब से पी ए संगमा की ताईद ( समर्थन) का ख़ौरमक़दम ( स्वागत) करते हुए बी जे डी सरबराह नवीन पटनायक ने कहा कि तमाम सयासी जमातों को साबिक़ ( पूर्व) लोक सभा स्पीकर को उन के सदारती इंतिख़ाब ( राष्ट्रपती चुनाव) की मुहिम ( योजना) में ताईद करना चाहीए।

लार्ड जगन्नाथ की यात्रा के मौक़ा पर कार फेस्टीवल की तक़रीब ( सामारोह/ उत्सव) में शिरकत के लिए मिस्टर पटनायक यहां आए थे। उन्होंने अख़बारी नुमाइंदों (पत्रकारों) से बात करते हुए कहाकि वो संगमा की ताईद ( समर्थन) करने के लिए बी जे पी के फ़ैसला का ख़ौरमक़दम ( स्वागत) करते हैं जबकि ज़रूरत इस बात की है कि तमाम सयासी जमातों ( राजनीतिक पार्टी) को संगमा की ताईद करना चाहीए जो एक कबायली हैं।

इन का ताल्लुक़ ( संबंध) शुमाल मग़रिबी इलाक़ा की अक़ल्लीयतों ( अल्पसंख्यको) से है। याद रहे कि नवीन पटनायक वो पहले शख़्स हैं जिन्हों ने सदर जमहूरीया के ओहदा के लिए पी ए संगमा के नाम की 17 मई को तजवीज़ (प्रस्ताव) पेश की थी जबकि तमिलनाडू की वज़ीर-ए-आला ( मुख्यमंत्री) जया ललीता भी ताईद ( समर्थन) करने वालों में शामिल हैं।

दरीं असना ( यद्वपी) बी जे डी के सीनीयर नायब सदर दामोदर रावत ने कहा कि अब तक सदर जमहूरीया के ओहदा पर मुल्क के तमाम फ़िरक़ों से ताल्लुक़ रखने वाले क़ाइदीन ( लीडर) फ़ाइज़ (नियुक़्त्) हुए। सिर्फ कबायली ( जनजातीय/ Tribal) तबक़ा ऐसा है जिस का कोई नुमाइंदा ( Candidate) या क़ाइद ( लीडर) सदर जमहूरीया के जलील-उल-क़दर ओहदा ( सम्मान्य पद) पर फ़ाइज़ (नियुक्त) नहीं हो सका लिहाज़ा हर एक को इस बात को यक़ीनी बनाना चाहीए कि पी ए संगमा को कामयाबी से हमकनार करें।

इस वक़्त पूरे मुल्क में सदर जमहूरीया के इंतिख़ाब (राष्ट्रपती चुनाव) के लिए माहौल पाया जा रहा है और हर एक की ज़बान पर मुख़्तलिफ़ क़ाइदीन ( अलग अलग नेताओ) के नाम हैं।

ए पी जे अब्दुल कलाम के मुक़ाबला से इनकार और पी ए संगमा को बी जे पी की ताईद ( समर्थन) से अब मुक़ाबला मज़ीद ( और भी) सख़्त हो गया है लेकिन माहिरीन का अब भी यही कहना है कि जीत बहरहाल परनब मुकर्जी की होगी।