पटना के गांधी मैदान में हुए बम धमाकों के मामले में बुध को रांची, दिल्ली, पटना और चंपारन से चार गिरफ्तारियां की गईं। इनमें रांची से उज्जैर अहमद की गिरफ्तारी अहम है। एनआईए की टीम ने उसे दो दिन पहले डोरंडा के फिरदौस नगर की रोड नंबर दो वाक़ेय घर से पूछताछ के लिए उठाया था।
बुध को उसे सीजीएम अदालत में पेश कर तीन दिन के ट्रांजिट रिमांड पर लिया। इसके बाद टीम उसे दिल्ली ले गई। दिल्ली में उस पर एक दीगर केश दर्ज है। उज्जैर पर फंडिंग करने और मुल्जिमान को तरबियत देने का इल्ज़ाम है। उज्जैर ने एक लाख रुपए फरार दहशतगर्द हैदर को दिए थे और हैदर ने यह पैसा दीगर मुल्जिमान में बांटा था।
दूसरी गिरफ्तारी पटना से मोइनुल की हुई, जो उज्जैर का भतीजा है। इसके अलावा दिल्ली से एनआईए ने मुजफ्फरपुर के आफताब को गिरफ्तार किया है, जो दिल्ली में ज़ाती आईटीआई चलाता है। चौथी गिरफ्तारी मगरीबी चंपारण से साजिश करने वाला अरसद अंसारी की हुई है।
उज्जैर इलेक्ट्रिशियन है और इलेक्ट्रिक सर्किट को अच्छी तरह समझता है। उज्जैर अहमद अहले हदीस के नाम पर जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए पैसा चंदा करता था। डोरंडा यूनियन बैंक में उसके अकाउंट में तकरीबन एक लाख रुपए जमा है। यही पैसे उज्जैर ने इम्तियाज और उसके साथियों को ब्लास्ट के लिए दिए थे।
उज्जैर जकात का पैसा भी लोगों से जमा करता था। दो साल पहले उसने अहले हदीस का तशकील किया था। मनीटोला वाक़ेय उर्दू लाइब्रेरी में हर इतवार को अदारा की बैठक होती थी। अदारे के मेंबरान को यह जानकारी नहीं थी कि उज्जैर जकात में मिले पैसे का इस्तेमाल दहशतगर्दों की मदद के लिए कर रहा था।
रांची पुलिस और एनआइए ने चार दीगर लोगों को हिरासत में लिया है। तमाम से पूछताछ की जा रही है। पीर और मंगल को जिन छह लोगों को हिरासत में लिया गया था, उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। पुलिस के सरकारी ज़राये ने बताया कि जिन चार अफरादों को बुध को हिरासत में लिया गया, उनसे इम्तियाज और मो हैदर ने मोबाइल पर बात की थी। यह पता किया जा रहा है कि इम्तियाज और मो हैदर से इनकी सिर्फ जान-पहचान थी या ये भी आइएम के लिए काम करते थे।