इंडिया पोस्ट नेटवर्क के ज़रिये मनरेगा का बुनियाद की बुनियाद पर अदायगी झारखंड के नामकुम ब्लॉक वाक़ेय लाली गांव से शुरू हो गया। गांधी जयंती के मौके पर इसकी शुरुआत वज़ीरे आला हेमंत सोरेन और मर्कज़ी देही तरक़्क़ी वज़ीर जयराम रमेश समेत दीगर मेहमानों की मौजूदगी में की गयी। इस तरह अब आंध्रप्रदेश के बाद झारखंड दूसरा रियासत बन गया है, जहां इस तरह के सिस्टम से मनरेगा का अदायगी होगा।
इसकी शुरुआत करते हुए वज़ीरे आला हेमंत सोरेन ने कहा कि अब दलालों पर कैंची चलाने की मुहिम शुरू हो गया है। अब दलालों की नहीं चलेगी। हुकूमत मंसूबा बनाती है, पर उसका फायदा लोगों को नहीं मिलता है। आनेवाले वक़्त में इंदिरा आवास में भी यह सिस्टम लागू हो जायेगा। यहां सीधे-साधे, अनपढ़ गाँव वालों को ठगा जा रहा है। इस मशीन का इस्तेमाल कर ठेपा छाप भी अपना पैसा ले सकता है। उन्होंने कहा कि डाक घरों में भी दलाल बैठा है, पर हमें खबरदार रहना है। आंगनबाड़ी सेंटरों में यह सिस्टम होगा। गरीबों को अनाज भी इसी से मिलेगा। डीलर ठगने का काम करता है, अब शिनाख्त में आ जायेगा। होता यह है कि 400 रुपये ज़ईफ पेंशन में से 50-100 रुपये दलाली ले लेता है, पर हम उनसे नहीं लड़ते हैं। इसलिए ऐसा लोग मोटा होता जा रहा है। अब वैसे दलालों को खिलाने की जरू रत नहीं है। दलालों का कोई रोल नहीं होगा।
होता यह है कि लोग बैंक में जाते हैं। कागजी काम नहीं कर पाते हैं और 100-200 खर्च करके लौट जाते हैं। कोई काम भी नहीं बनता। अब देखते हैं इस मशीन में कौन दलाल घुसता है।
मौके पर रियासत के देही तरक़्क़ी वज़ीर चंद्रशेखर दुबे, एमपी सुबोधकांत सहाय, अपर चीफ़ सेक्रेटरी सुधीर प्रसाद, मर्कज़ी देही तरक़्क़ी उजरा के मुश्तरका सेक्रेटरी मिस्टर सुब्रामण्यम, जिला काउंसिल सदर सुंदरी तिर्की, आइटी के प्रिन्सिपल सेक्रेटरी एनएन सिन्हा, देही तरक़्क़ी सेक्रेटरी अरुण समेत दीगर अफसर और लीडर मौजूद थे। प्रोग्राम में पंचायत नुमाइंदों के साथ ही मनरेगा मजदूरों और दीगर को बुलाया गया था।