लोजपा सरबराह रामविलास पासवान पर इत्तीहाद तोड़ने का काकुनों का दबाव और कांग्रेस की इत्तीहाद को लेकर बेरुखी के बाद राजद अब नये साथी की तलाश में जुट गया है। पार्टी के बड़े लीडर अभी भी आस लगाये बैठे हैं कि लोजपा से इत्तीहाद नहीं टूटे।
अगर टूट की नौबत आयी भी, तो राजद पहल नहीं करेगा। पार्टी की आगे की क्या पॉलिसी होगी, वह सबकुछ राजद सरबरह लालू प्रसाद के रुख पर अनहीसार करेगा।
जनवरी के पहले सप्ताह तक शकल तय
पार्टी के बड़े लीडरों की मानें, तो गुजिशता कुछ दिनों से राजद-लोजपा के इत्तीहाद को लेकर जो बातें उभर कर सामने आ रही हैं, उससे यह तय हो गया है कि अगले लोकसभा इंतिख़ाब में दोनों ही पार्टियां अलग-अलग इंतिख़ाब लड़ेंगी।
राजद के बड़े लीडरों के मुताबिक कियादत नये साथी की तलाश में जुट गया है। समाजवादी पार्टी सरबराह मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद के दरमियान इत्तीहाद को लेकर दो राउंड की बात भी हो चुकी है। इसके अलावा वाम दलों, खास कर माकपा समेत दीगर छोटे दलों के लीडरों से भी राब्ता साधा जा रहा है। इन दलों से पोजेटिव इशारे भी मिले हैं।
ज़राये के मुताबिक, जनवरी के पहले सप्ताह तक इत्तीहाद का शकल तय हो जायेगा। राजद के ज़राये के मुताबिक, हाल के दिनों में लोजपा के साथ इत्तीहाद को लेकर बड़े लीडरों की बयानबाजी पर क़ौमी सदर लालू प्रसाद संगीन दिख रहे हैं।
इत्तीहाद के लिए लालू एख्तियार
चीफ़ सेक्रेटरी रामकृपाल यादव के मुताबिक राजद का ऑप्शन खुला है। लालू प्रसाद एक तरह के ख्याल वाले पार्टियों से इत्तीहाद के लिए एखतियारी बनाए गए है। इत्तीहाद तोड़ने को लेकर राजद की तरफ से पहल नहीं होगी। फैसला उन्हें लेना है। लोजपा के क़ायेदीनों को साबिक़ के तजुरबात को जेहन में रख कर कोई फैसला लेना चाहिए।