अब नाख्वांदा ख़वातीन को भी मिलेगा टैबलेट

देही इलाक़े में रहनेवाली तमाम ख़वातीन को रियासत हुकूमत टैबलेट देगी। चाहे खातून नख्वांदह हो या पढ़ी-लिखी। टैबलेट का इस्तेमाल कैसे किया जायेगा, इसके लिए तरबियत दिया जायेगा। इन्फोर्मेशन टेक्नोलोगी महकमा ने इसका तजवीज मंसूबा समिति को दिया है। समिति से मंजूरी मिलने के बाद रियासत की तीन करोड़ ख़वातीन को टैबलेट दिया जायेगा। इस मंसूबा में 7525 करोड़ रुपये खर्च होंगे। हर देही खानदान की एक ख़वातीन को टैबलेट देना है।

इस मंसूबा का मकसद है ख़वातीन को इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी के जरिये सेहत, तालीम और दीगर बुनियादी जानकारी फराहम कराना। इससे देही ख़वातीन के बच्चे भी इस तकनीक से रू-ब-रू होंगे।

एनीमेटेड वीडियो होगा

टैबलेट में एनीमेटेड वीडियो होगा। तस्वीर के जरिये ख़वातीन जान जायेंगी कि किस बटन को दबाने से कौन सी जानकारी मिलेगी। आवाज के जरिये सेहत, मौसम, ज़िराअत से मुतल्लिक़ जानकारी मिलेगी। सेहत से मुतल्लिक़ घरेलू नुस्खा भी यह टैबलेट बतायेगा।

हेल्प लाइन नंबर भी रहेगा, जहां से सेहत से मुतल्लिक़ जानकारी मिलेगी। हर रोज़ इसमें नयी-नयी जानकारियां फराहम करायी जायेंगी। इसके लिए हेड क्वार्टर में एक सरवर होगा, जिससे तमाम टैबलेट जुड़े रहेंगे। मौसम के हिसाब से भी इसमें जानकारी फराहम करायी जायेंगी।

सरमाया कारी करने वाली एजेंसी को मौका

इस मंसूबा को सरमायाकारों से भी जोड़ा जायेगा। उसी एजेंसी से टैबलेट की खरीद होगी, जो इसकी तामीर बिहार में ही शुरू करेगी। इससे रियासत में इन्वेस्ट भी होगा और लोगों को रोजगार के जरिया भी मौजूद होंगे।

सोलर एनर्जी की सहूलत होगी

एक टैबलेट पर 2500 रुपये खर्च होंगे। इसमें सोलर एनर्जी की सहूलत रहेगी, ताकि इसकी बैटरी को चार्ज करने के लिए बिजली कनेक्शन की जरूरत न हो।

आशा होंगी ट्रेनर

इस मंसूबा के तहत आशा और दीगर खादीम को तरबियत देकर ट्रेनर बनाया जायेगा। फिर ये ट्रेनर गांव-गांव में ख़वातीन को टैबलेट का इस्तेमाल कैसे किया जाय, यह बतायेंगी। वसुधा केंद्रों में भी ट्रेनिंग की इंतेजाम होगी।