गंडामन की वाकिया के बाद हुकूमत ने चख कर बच्चों को मिड डे मील परोसने की हिदायत दी थी। लेकिन, इसका सख्ती से पालन नहीं हो रहा है।
एक चौथाई से ज़्यादा स्कूलों में बिना चखे ही बच्चों को खाना खिलाया जा रहा है, जबकि एक तिहाई स्कूलों में अब भी आम तेल का इस्तेमाल हो रहा है। महज़ 67.31 फीसद स्कूलों में ही ब्रांडेड तेल का इस्तेमाल हो रहा है।
बच्चों और वालिदैन के मन से डर नहीं गया है। भोजपुर के चरपोखरी में मिडिल स्कूल, ध्रुवडिहां में 383 तालिबे इल्म के लिए खाना बना। सौ तालिबे इल्म ने मिड डे मील खाया और इतने ही तालिबे इल्म ने घर से लाये खाने को खाया।
“हुकूमत का सख्त हुक्म है कि बच्चों को खिलाने के पहले असात्ज़ा या स्कूल तालिम कमेटी के रुक्न मिड डे मील को यक़ीनी तौर से चखें। यह रोजाना हो। मैं फिर तमाम से दरख्वात करता हूं कि जहां कहीं भी इस हुक्म का तामील नहीं हो रहा है, वे आज से ही इसे अपनी रूटीन में डाल लें। लापरवाही करनेवाले लोगों पर कार्रवाई होगी”।
पीके शाही, शिक्षा मंत्री