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अब मिनटों में लें जमीन की जानकारी

झारखंड के 32 हजार से ज़्यादा गांवों और 210 ब्लॉक के ज़मीन से मुतल्लिक़ दस्तावेज के कंप्यूटरायज्ड का काम काफी तेजी से चल रहा है। रियासती हुकूमत ने मार्च 2014 तक तमाम अंचलों को ऑनलाइन करने की तारीख तय की है। स्टेटवाइड एरिया नेटवर्किग के जरिये अंचल दफ्तरों को जोड़ा जायेगा। इससे झारखंड आला रियासतों की जमरे में शामिल हो जायेगा। लैंड रिकार्ड अपडेट रहेंगे, तो मांग के साथ ही जमीन के तमाम परचे मुहैया हो पायेंगे।

सरकार ने तमाम जिलों के डीसी को ज़मीन दस्तावेज, रजिस्टर-2 (खतियान) और नक्शों का डिजिटाइजेशन करने की हिदायत दिया है। बोकारो, देवघर, धनबाद, दुमका, मगरीबी सिंहभूम, गुमला, हजारीबाग, खूंटी, रामगढ़, रांची, लोहरदगा, सरायकेला-खरसांवां और मशरिकी सिंहभूम में ज़मीन दस्तावेज के कंप्यूटरायज्ड का जिम्मा रूद्राने इंफोटेक लिमिटेड को दिया गया है। सात जिलों में जैप आइटी काम कर रही है। रूद्राने इंफोटेक ने 2.28 लाख से ज़्यादा ज़मीन दस्तावेज का कंप्यूटरायज्ड कर लिया है। इससे रेजिस्ट्रेशन से लेकर दाखिल-खारिज कराने की अमल में ट्रान्स्प्रेंसी आ जायेगी। रैयत अपनी ज़मीन की असल हालत का ऑनलाइन पता लगा पायेंगे। ज़मीन की प्लॉट नंबर से लेकर नाम तक की तफ़सीलात कंप्यूटरों में अंचलवार और गांव की बुनयाद पर मौजूद रहेगी।

गौरतलब है कि पुरानी नेज़ाम से जमीन के दस्तावेज वक़्त पर नहीं मिल पाते हैं। रिकॉर्ड रूम में भी ज़मीन के दस्तावेज सही हालत में नहीं हैं। ज़्यादातर अंचल दफ्तरों में हलका कर्मचारी खतियान और राइट ऑफ रिकॉर्ड के आंकड़े अपने पास लेकर घूमते हैं। उन पर पैसे लेकर काम करने के इल्ज़ाम भी लगाये जाते हैं। कई बार इस मामले को लेकर तनाज़ा भी हुआ है।

ई-रेजिस्ट्रेशन और अंचलों के कंप्यूटरायज्ड से लोगों को मिलेगी राहत

रियासती हुकूमत जल्द ही पूरे झारखंड में ई-निबंधन सिस्टम लागू करने जा रही है। इस सिस्टम से ज़मीन दस्तावेज (राइट ऑफ रिकॉर्डस) की मौजूदगी आसान होगी। मौजूदा नेज़ाम के जमीन की खरीद-फरोख्त में आम सख्स को अंचल दफ्तरों का चक्कर लगाना पड़ता है, लेकिन नयी निज़ाम से इससे छुटकारा मिलने की उम्मीद है। झारखंड शायद मुल्क का इकलौता रियासत होगा, जहां यह निज़ाम लागू की गयी है। इसके लागू होने से ऑनलाइन तरीके से जमीन की रजिस्ट्री, उसका ट्रांसफर, मालगुजारी की रसीद कटवाने तक की सहूलत मिल पायेगी। झारखंड हुकूमत इस सिस्टम को लागू करने के लिए अहद लिए है। जमीन की खरीद-फरोख्त से लेकर उसके मालिकाना हक तक की अमल पूरी तरह ट्रान्प्रेंसी हो जायेगी और रियासत के शहरियों को बदउनवानी और बिचौलियों से पूरी तरह आज़ादी मिल पायेगी। जमीन के सारे दस्तावेज कंप्यूटरायज्ड अंचल दफ्तर, डीसी दफ्तर और जदीद रिकॉर्ड रूम में रहेंगे।

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