रियासत में अब 300 स्कवायर मीटर यानी करीब ढाई कट्ठे (2.37 कट्ठे) तक के प्लॉट पर मकान बनाने के लिए नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं 800 स्कवायर मीटर यानी 6.32 कट्ठे से कम जमीन पर बहुमंजिली इमारत या अपार्टमेंट की तामीर नहीं होगा। मंगल को कैबिनेट की बैठक में बिहार भवन बिल्डिंग बायलॉज को मंजूरी मिल गई। इसके तहत छोटे प्लॉट पर प्राइवेट मकान बनाने वालों को बड़ी राहत दी गई है। वहीं 15 मीटर से ऊंचे इमारत के लिए स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट लेना होगा। नए नियम मुंसिपल कॉर्पोरेशन, नगरपालिका, नगर परिषद और नगर पंचायत इलाक़े पर बराबर तौर से लागू होंगे। कैबिनेट महकमा के प्रिन्सिपल सेक्रेटरी बी. प्रधान ने बताया कि जमीन के आकार और सड़क की चौड़ाई की बुनियाद पर बना कर इमारत तामीर के मेयार तय किए गए हैं।
खास तजवीज़
गंगा के सरहदी इलाक़े से 200 मीटर पहले और दीगर नदियों के सरहद से 100 मीटर पहले तक कोई तामीर नहीं होगा।
नए बनने वाले तमाम इमारतों का भूकंपरोधी होना और तमाम इमारतों पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग लाज़मी है।
मकान का नक्शा पास करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम होगा।
नदी के किनारे हेरिटेज की मरम्मत के अलावा कोई दीगर तामीर नहीं होगी।
पंद्रह मीटर से ज़्यादा ऊंचे इमारत की तामीर के लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियर से स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट जरूरी।
आईटी और आईटीईएस इमारतों के लिए अलग से सेटबैक तजवीज़
12 फीट से कम चौड़ी सड़क पर सिर्फ जी प्लस वन
पार्किंग : बहुमंजिली इमारत में जमीन का 25% इलाका पार्किंग के लिए रिजर्व करना होगा। पार्किंग इलाक़े का 15% मेहमानों और एंबुलेंस के लिए होगा।
पर्यावरण : साधारण इममारत की पूरी जमीन का 5 फीसद और बहुमंजिली इमारत के मामले में कुल ज़मीन के 10% हिस्से को पेड़-पौधे से कवर करना होगा।
नई टाउनशिप : अब 30 मीटर से कम चौड़ाई की सड़क और पांच हेक्टेयर से कम जमीन पर टाउनशिप की तामीर नहीं हो सकता है।
नए बायलॉज से बिहार के तरक़्क़ी का रास्ता साफ हो गया है। तामीर इंडस्ट्री फिर आगे बढ़ेगी। बायलॉज नहीं होने से बिल्डिंग की तामीर पर रोक लगी थी।
अनिल कुमार, सदर, नेशनल बिल्डर्स एसोसिएशन