हुकूमत 12 ज़िलों के साथ रायल तेलंगाना बनाने की तजवीज से अब पीछे हट गई है | रायल तेलंगाना को लेकर सख्त एहतिजाज को देखते हुए जुमेरात के रोज़ कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक हुई जिसमें फैसला लिया गया कि 10 जिलों के साथ ही अलैहदा तेलंगाना रियासत बनाया जाएगा जो कि मुल्क का 29वां रियासत होगा |
हालांकि अभी होने जा रही कैबिनेट की बैठक के एजेंडे में तेलंगाना मुद्दे को शामिल नहीं किए जाने की बात कही जा रही है. ये इत्तेला कांग्रेस तरजुमान भक्तचरण दास ने दी है.
चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान ने तेलंगाना के बजाय रायल तेलंगाना रियासत बनाने का ख्याल बड़ी चालाकी से छेड़ी है ताकि दोनों पार्टी के लीडरों को मुतमईन किया जा सके यूनियन कैबिनेट कुछ दिन के अंदर रियासत आंध्र प्रदेश के तश्कील नौ मसौदा बिल पर गौर कर सकती है |
रायल तेलंगाना का मुद्दा सिर्फ अटकल नहीं हो सकता, यह बात तब जाहिर हुई जब कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी दिग्विजय सिंह से नई दिल्ली में पूछा गया कि क्या मरकज़ इस तजवीज पर गौर कर रहा है तो उन्होंने कहा, मैं कोई चीज खारिज नहीं करूंगा | कांग्रेस की मरकज़ी वर्किंग कमेटी ने 30 जुलाई को हैदराबाद समेत 10 जिलों के साथ अलैहदा तेलंगाना रियासत बनाने की तजवीज रखे था लेकिन बताया जाता है कि ताजा मंसूबे के मुताबिक रायलसीमा के सभी चारों जिलों को बराबर से बांटा जाना है और इनमें से दो कुरनूल और अनंतपुरम को तेलंगाना में मिलाने का ख्याल है ताकि रियसत रायल तेलंगाना बनाया जाए |
जस्टिस श्रीकृष्णा कमीशन की सिफारिशों में भी यह सुझाव शामिल था बताया जाता है कि मरकज़ी देही तर्क्कियाती वज़ीर और इस मामले में गौर कर रहे जीओएम के मेम्बर जयराम रमेश ने आंध्र प्रदेश के नायब वज़ीर ए आला दामोदर राजानरसिंहा से नयी दिल्ली में मुलाकात के वक्त रायल तेलंगाना की तजवीज रखे थे|
हालांकि मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और अनंतपुरम जिले के कुछ कांग्रेसी लीडरों को छोड़कर रायल तेलंगाना की मुहिम किसी को रास आती नहीं दिखाई दे रही |