एक तरफ़ नरेंद्र मोदी को जहां बी जे पी के वज़ारत-ए-उज़मा के उम्मीदवार के तौर पर पेश करके पार्टी फूले नहीं समा रही है वहीं दूसरी तरफ़ एक ऐसा बयान भी जारी किया गया है जो यक़ीनन सनसनी पैदा करसकता है।
मध्य प्रदेश के वज़ीरे सयाहत सुरेंद्र पटवा ने आम इंतिख़ाबात से ऐन क़ब्ल कहा है कि अगर मर्कज़ में बी जे पी बरसर-ए-इक्तदार आती है तो इस सूरत में सुषमा स्वराज मुल्क की नायब वज़ीर-ए-आज़म होंगी। राइसन डिस्ट्रिक्ट के बाड़ी नामी मुक़ाम पर वज़ीर मौसूफ़ ने ये बयान दिया। उस वक़्त सुषमा स्वराज भी वहां मौजूद थीं जो क़ाइद अपोज़ीशन लोक सभा हैं।
यहां इस बात का तज़किरा दिलचस्प होगा कि पटवा ने राइसन डिस्ट्रिक्ट के अबैदुल्लाह गंज में एक रैली के दौरान ऐसा ही एक और बयान दिया था और उस वक़्त भी सुषमा स्वराज वहां मौजूद थीं और अवाम की तालियों से महज़ूज़ होरही थीं। पटवा मध्य प्रदेश असेंबली में भोजपोर की नुमाइंदगी करते हैं और ये विदीशा पार्लीमानी हलक़ा का एक हिस्सा है जहां से सुषमा स्वराज दूसरी बार इंतिख़ाबी मैदान में हैं।
पहली बार उन्होंने 2009 में इस हलक़ा से इंतिख़ाबात लड़े थे। सुषमा स्वराज को इमकानी नायब वज़ीर-ए-आज़म के उम्मीदवार के तौर पर मुतआरिफ़ करते हुए उन्होंने कहा कि उनके रिमार्कस सिर्फ़ बी जे पी वर्कर्स के एहसासात के आईना-ए-दार हैं क्योंक हास हलक़ा के पार्टी वर्कर्स ने ही बड़े बड़े लीडरों जैसे अटल बिहारी वाजपाई और शिवराज सिंह चौहान के इंतिख़ाब में अहम रोल अदा किया था।
यहां इस बात का तज़किरा भी ज़रूरी है कि सुरेंद्र पटवा साबिक़ वज़ीर-ए-आला सुंदर लाल पटवा के फ़र्ज़ंद हैं और शिवराज सिंह चौहान के क़रीबी रफ़ीक़ समझे जाते हैं हालाँकि कुछ रोज़ क़बल अमृतसर में एक रैली के दौरान वज़ीर-ए-आला पंजाब प्रकाश सिंह बादल ने ये मश्वरा दिया था कि बी जे पी के सीनियर लीडर अरूण जेटली मुल्क के आइन्दा नायब वज़ीर-ए-आज़म होसकते हैं लेकिन राज्य सभा में क़ाइद अपोज़िशन अरूण जेटली ने इस नज़रिया या मश्वरा को कोई एहमियत नहीं दी थी।