अब स्कूली तालीम के लिए क़र्ज़

बच्चों की भी ख्वाहिश होती है कि शहर के अच्छे प्राइवेट स्कूल में उनकी पढ़ाई हो। खासकर आठवीं से 12वीं तक पढ़ाई का बुनियाद माना जाता है। लेकिन इक़्तेसादी कमी की वजह से सभी बच्चों को बेहतर तालीम नसीब नहीं हो पाती। अब ऐसा नहीं होगा। बच्चों को बेहतर तालीम दीजिये, खर्च बैंक उठायेगा।

गार्जियन एक साल बाद भी इस कर्ज को चुका पायेंगे, वह भी इएमआइ सहूलत के साथ। जी हां! अब स्कूली तालीम के लिए भी एजुकेशन लोन मिलेगा। अब तक इंजीनियरिंग, मेडिकल, एमबीए व आला तालीम के दीगर कोर्स (यानी कि 12वीं से ऊपर की क्लास) के लिए बैंक लोन देती थी, जबकि अब नर्सरी से 12वीं क्लास की पढ़ाई के लिए भी बैंक लोन मिलेगा। इलाहाबाद बैंक व सेंट्रल बैंक इस सिम्त में पहल करने जा रहा है। इसके तहत 30 हजार से चार लाख तक का लोन मिल पायेगा। अगले माह से ही इसके शुरू किये जाने की इमकान है।

बच्चों की तालीम की सहूलत के मक़सद से शुरू की गयी इस स्कीम के तहत अच्छे पॉइंट्स लाने वाले बच्चों को लोन आसानी से मिलेगा। बैंक के अफसर की ज़राये की मानें तो चार लाख तक के लोन के लिए बैंक गारंटी की जरूरत नहीं होगी। गार्जियन को आमदनी के दस्तावेज जमा करने की भी जरूरत नहीं होगी और ना ही बैंक खाते की जरूरत होगी।

लोन लेने के एक साल बाद इसे चुकता करना होगा। गार्जियन इसे 12 इएमआइ में भी चुका पायेंगे। लोन पर ब्याज की शरह 12 से 14 फीसद के दरमियान होगी। लड़कियों के लिए एक-आध फीसद ब्याज में छूट दी जायेगी। लोन की रकम स्कूल फीस, किताब-कॉपी, वगैरह के लिए इस्तेमाल की जा सकेगी।