हाइकोर्ट ने हटाने के बाद फिर से खटाल कायम होने के लिए थानेदारों को जिम्मेवार ठहराया है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 19 दिसंबर तक तमाम थाना अफसरों को यह बताने को कहा है कि उनके इलाक़े से खटाल पूरी तरह हटा दिये गये हैं। यही बात पटना मुंसिपल कॉर्पोरेशन के एक्सजेक्यूटीव ओहदेदार को हलफनामा दायर कर बतानी होगी।
जज नवीन सिन्हा और विकास जैन के बेंच ने एक अवामी दरख्वास्त की सुनवाई करते हुए कहा कि बार-बार खटाल लग जाना बदकिस्मती है। इसके लिए सीधे तौर पर थाना इंचार्ज जिम्मेवार हैं। अदालत ने कहा, अब बार-बार इस तरह का हुक्म जारी नहीं किया जायेगा, बल्कि मुतल्लिक़ अफसरों के खिलाफ तादिबि कार्रवाई की जायेगी।
डॉ अशोक कुमार सिन्हा और दीगर लोगों ने दरख्वास्त दायर कर कहा था कि गर्दनीबाग के भीखाचक मोहल्ले में इतने खटाल हैं कि लोगों का आना-जाना मुहाल हो जाता है। जहां-तहां गाय-भैंसे सड़कों पर घूमते दिखते हैं। इससे ट्राफिक की मसला होती है।