असातिज़ा तकर्रुरी की तैयारी करनेवाले नौजवानों के लिए खुशखबरी है। हुकूमत टीइटी-एसटीइटी क्वालिफाइ करने के कम से कम मार्क्स में कमी करने जा रही है। अब टीइटी-एसटीइटी में 50% पॉइंट्स लानेवाले उम्मीदवार भी असातिज़ा तकर्रुरी के काबिल होंगे। अब तक टीइटी-एसटीइटी में 60% मार्क्स लानेवाले उम्मीदवारों को असातिज़ा बनने का मौका दिया जाता था।
यह ऐलान तालीम वज़ीर वृशिण पटेल ने बुध को की। ज़ाती महकमा दफ्तर में मुनक्कीद प्रेस कॉन्फ्रेंस में तालीम वज़ीर मिस्टर पटेल ने कहा कि हमने आला तालीम में असातिज़ा की तकर्रुरी के लिए 55% कम अज़ कम पॉइंट्स मुकर्रर कर रखा है, जबकि स्कूली असातिज़ा के लिए 60 फीसद मार्क्स मुकर्रर था। यह कहीं से सही नहीं था। इसलिए अगले टीइटी-एसटीइटी में 50 फीसद मार्क्स लानेवाले उम्मीदवार भी असातिज़ा बन सकेंगे। इसके लिए महकमा को कार्रवाई करने की हिदायत दिया गया है। साल 2011 में मुनक्कीद टीइटी-एसटीइटी में 50 से 59 फीसद पॉइंट्स लानेवाले करीब दो लाख दरख्वास्त क्वालिफाइ नहीं कर पाये थे।
तालीम वज़ीर ने माना कि स्कूलों में कई सबजेक्ट के उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं, जिससे असातिज़ा के ओहदे नहीं भर पा रहे हैं। इन्हें भरने के लिए फिर टीइटी का इंकाद किया जायेगा। किसी खास सबजेक्ट के लिए टीइटी लेने पर वज़ीर ने कहा कि महकमा एक साथ टीइटी लेगा। ज्यादा-से-ज्यादा उम्मीदवार टीइटी क्वालिफाइ कर पाये, इसके लिए क्वालिफाइ होने के लिए कम अज़ कम पॉइंट्स 10 फीसद कमी कर 50 फीसद मुकर्रर किया गया है। तालीम वज़ीर ने फिर कहा कि जल्द ही उर्दू असातिज़ा की तकर्रुरी का अमल शुरू की जायेगी। साथ ही वैसे उम्मीदवार, जो टीइटी पास करने वक़्त अनट्रेंड थे, लेकिन बाद में ट्रेंड हो गये हैं, उन्हें भी इस तकर्रुरी में मौका दिया जायेगा। कुछ सबजेक्ट के असातिज़ा नहीं होने के सवाल पर तालीम वज़ीर ने कहा कि वैसा सबजेक्ट, जिनको स्कूलों में पढ़ाना जरूरी है या जिसकी डिमांड है, उनके असातिज़ा स्कूलों में हैं। अगर वैसा कोई सबजेक्ट सामने आयेगा, जिसे बच्चे पढ़ना चाहते हैं, तो उस सबजेक्ट में भी तकर्रुरी की जायेगी।