अब 50000 से ज्यादा के नकद लेनदेन पर मूल पहचान पत्र की जांच अनिवार्य

नई दिल्ली : लोग जाली फोटोकॉपी की मदद से फर्जीवाड़ा कर लेते हैं। इसी को देखते हुए नियम में बदलाव किया गया है। वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर मनी लॉन्ड्रिंग रोक कानून में बदलाव करने को कहा है। सरकार ने बैंक और वित्तीय संस्थानों के लिए निर्धारित सीमा से ज्यादा कैश लेनदेन पर मूल पहचान पत्र की जांच अनिवार्य कर दी है।

अधिसूचना में कहा गया है कि यदि वैध दस्तावेज में पता अपडेट नहीं है तो, कोई भी बिल जैसे बिजली, टेलीफोन, पोस्टपेड मोबाइल फोन पीएनजी या पानी के ज्यादा से ज्यादा दो माह पुराने बिल को पते का प्रमाण माना जाएगा। इसके साथ ही संपत्ति कर पेंशन रसीद या नियोक्ता द्वारा अलॉटमेंट लेटर को भी सबूत के तौर पर विचार किया जा सकता है।

नए कानून के तहत 50000 या उससे ज्यादा के नकद लेनदेन या नया खाता खुलवाने के लिए फोटोकॉपी के साथ आधार कार्ड सहित मूल पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा।

इसी तरह दस लाख से ज्यादा या इसके बराबर विदेशी मुद्रा के लेनदेन पर मूल दस्तावेज प्रस्तुत करना जरूरी होगा। सीमा पार के पांच लाख से ज्यादा विदेशी मुद्रा के सभी डिजिटल लेन-देन और 50 लाख तक की अचल संपत्ति की खरीद फरोख्त भी इसी कानून की श्रेणी में आएगा।