अब IPL में नहीं खेल सकेंगे मोहम्मद शमी, दिल्ली डेयरडेविल्स जल्द ले सकती है फैसला

बात को मानने में अब देरी नहीं होनी चाहिए कि पत्नी हसीन जहां के आरोपों के बाद मोहम्मद शमी के क्रिकेट करियर पर फुल स्टॉप लगना तय हो गया है।

कुछ समय के लिए अगर हम मान भी लें कि उनका थोड़ा-बहुत क्रिकेट करियर बचा रहेगा तो इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि शमी अप्रैल महीने में शुरू होने वाले आईपीएल-11 में खेल नहीं पाएंगे।

शमी दिल्ली डेयरडेविल्स के प्रमुख गेंदबाज हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स उनपर क्या फैसला लेता है इसका अभी इंतजार चल रहा है। वहीं, बीसीसीआई ने शमी से केंद्रीय अनुबंध न करके पहले ही साफ कर दिया कि शमी को अब अपने क्रिकेट के भविष्य पर ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है।

इसकी बड़ी वजह उनपर दर्ज एफआईआर भी है। क्योंकि कोलकाता के जिस लाल बाजार पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज हुई है उसमें दहेज प्रताडऩा, घरेलू हिंसा, हत्या की कोशिश, धमकी और साजिश समेत कई धाराएं शामिल की गई हैं।

यह ऐसी धाराएं हैं जिनसे पीछा छुड़ाना आसान नहीं होता। अब हत्या की कोशिश, दहेज प्रताडऩा, जहर देना, धमकी देना आदि के केस अलग-अलग चलेंगे। ऐसे में अगर एक भी केस में शमी पर आरोप साबित हो गए तो उनका क्रिकेट करियर खत्म होना तय है।

जालन्धर सेशन कोर्ट में एडवोकेट परमिंदर कुमार ने बताया कि शमी पर जो धाराएं लगाई गई हैं, उनमें सबसे बड़ी धारा 498 ए (दहेज मांगना) है। कोलकाता पुलिस ने अगर एफआईआर दर्ज कर ली है तो केस आगे बढऩा तय है।

इस दौरान चाहे शमी अपनी पत्नी हसीन को मना लें लेकिन इससे एफआईआर कैंसिल नहीं होगी। पति-पत्नी दोनों को साझा एफिडेविट हाईकोर्ट में देना पड़ेगा। जिसमें जज दोनों पक्षों को सुनकर केस रद्द कर सकता है। अगर दोनों में सुलह नहीं होती तो शमी को लंबे समय तक कोर्ट के धक्के खाने पड़ेंगे।

केस शुरू होने से पहले एंक्वायरी, जवाब तलबी में समय लगेगा। जिससे सहजे ही 3 महीने निकल जाएंगे। क्योंकि पुलिस ने तीन महीने में केस की हिस्ट्री अदालत में सबमिट करनी होती है। ऐसे में जब तक पुलिस इसे सबमिट नहीं कर देती।

शमी बीच मझदार फंसे रहेंगे। वैसे भी दहेज की धारा लगते ही पुलिस सबसे पहले आरोपी को पासपोर्ट अदालत में जमा करवाती है। ऐसे में शमी के आगामी इंगलैंड दौरे पर जाना अभी से आशंकित हो गया है।

शमी पर जो दहेज की धारा 498-ए दर्ज हुई हैं। वह सबसे खतरनाक है। इसके तहत अगर शमी को एंटिसिपेटरी बेल चाहिए तो सबसे पहले उसे दहेज में लिया गया सारा सामान थाने में जमा करवाना होगा। अगर हसीन मानेगी कि थाने में जमा सारा सामान उसी का है तो पुलिस का एक नुमाइंदा कोर्ट में गवाही देगा कि दहेज का सारा सामान बरामद हो गया है, शमी की गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है।

अगर हसीन ने दहेज का सामान पहचानने से इंकार कर दिया तो इससे शमी पर फ्रॉड का एक और केस दर्ज होने की नौबत आ जाएगी। क्योंकि अदालत एक पक्ष को अपनी बात कहने के तीन मौके देती है ऐसे में इस कार्रवाई में महीनों गुजर जाएंगे।

शमी ने 2009 में आईपीएल की शुरुआत की थी। हालांकि वह अपने पहले आईपीएल में आठ मैच में सिर्फ पांच ही विकेट ले पाए थे। आईपीएल में उनका प्रदर्शन भी औसत रहा है।

लेकिन क्योंकि वह प्रमुख गेंदबाज रहते हैं ऐसे में रनों पर अंकुश लगाना, कठिन मौकों पर विकेट निकालकर वह चर्चा में रहे हैं।