प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति के रूप में वेंकैया नायडू का एक साल पूरा होने पर उनकी किताब का विमोचन किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि उपराष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल के एक साल का लेखा- जोखा पुस्तक के माध्यम से प्रस्तुत कर सार्वजनिक जीवन में अनुशासन, जवाबदेही, कर्तव्य निर्वहन और पारदर्शिता की अनोखी मिसाल पेश की है।
नायडू के उपराष्ट्रपति के रूप में पहले साल के कार्यकाल पर आधारित पुस्तक ‘मूविंग ऑन … मूविंग फॉरवर्ड, वन ईयर इन ऑफिस’ के विमोचन करने के बाद मोदी ने कहा यह सराहनीय है कि उन्होंने एक तरह से अपने कार्यकाल के एक साल का रिपोर्ट कार्ड दिया है।
पुस्तक में संसद और उसके बाहर नायडू के योगदान का उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा प्रयास है और इससे संसद में जनहित के लिए किये जा रहे कार्यों को लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
इस दौरान पीएम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सदन जब ठीक से चलता है तो चेयर पर कौन बैठा है, उसमें क्या क्षमता है, क्या विशेषता है, उस पर ज्यादा लोगों का ध्यान नहीं जाता है। सदस्यों के विचार ही आगे रहते हैं लेकिन जब सदन नहीं चलता है तो चेयर पर जो व्यक्ति होता है उसी पर ध्यान रहता है।
वह कैसे अनुशासन ला रहे हैं, कैसे सबको रोक रहे हैं इसलिए गत वर्ष देश को वेंकैया नायडू को निकट से देखने का सौभाग्य मिला। इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा सहित कई कांग्रेस नेता मौजूद थे।
वही मनमोहन सिंह ने भी वेंकैया नायडू की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने उपराष्ट्रपति, राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव के दफ्तर में काम किया है।
यह उनके एक साल के अनुभव में काफी हद तक दिखता है। लेकिन उनका बेस्ट अभी आना बाकी है। पूर्व पीएम ने शायराना अंदाज में कहा कि जैसे एक कवि ने कहा है कि सितारों के आगे जहां और भी है, अभी इश्क के इम्तिहान और भी हैं।