अभी नहीं कटेगा वोटर लिस्ट से नाम

रांची 28 जून : झारखंड में एक जुलाई को वोटर जायजा के बाद फेहरिस्त का अशाअत नहीं होगा। कमीशन ने झारखंड के किसी भी जिले के इलेक्शन ओहदेदार की तरफ से कराये गये राय देहान्दगान तजवीज काम की रिपोर्ट को तसल्ली बख्स नहीं माना है। कमीशन ने रियासत के चीफ इलेक्शन अफसर को वोटर लिस्ट से काटे गये सभी नामों की जायजा करने का हुक्म दिया है।

नोटिस भेजने की हिदायत

कमीशन ने नाम काटने से पहले सभी को नोटिस देकर एतराज़ दावत देने की हिदायत दिया है। कहा है कि नोटिस चिपकाने का गवाह मुताल्लिक सख्स के पड़ोसी होंगे। बूथ लेबल अफसर (बीएलओ) की रिपोर्ट पर पड़ोसियों का हस्ताक्षर लाज़मी तौर से लिया जाये। कमीशन ने काटे गये नामों की फेहरिस्त सियासी दलों को देने, ग्रामसभा में सभा कर काटे गये नामों की फेहरिस्त पढ़ने और असिस्टेंट इलेक्शन ओहदेदार की रिपोर्ट की जांच इलेक्शन ओहदेदार से कराने के बाद ही तजवीज फेहरिस्त भेजने का हुक्म दिया है।
इन रिपोर्टो के मुताला के बाद ही कमीशन जायजा वोटर लिस्ट का अशाअत करने की इजाजत देगा।

गलत बुनियाद पर काटे गये थे लाखों नाम

वोटर लिस्ट जायजा के दौरान 10 लाख से ज्यादा नाम वोटर लिस्ट से काट दिये गये थे। ज्यादातर मामलों में नाम काटने का बुनियाद वोटर लिस्ट में फोटो नहीं रहना बताया गया था। कई अज़ला के इलेक्शन ओहदेदार ने रियासत के चीफ इलेक्शन ओहदेदार की दी गयी रिपोर्ट में ज़िक्र किया है कि फोटो नहीं रहने की वजह वोटरों के नाम फेहरिस्त से काटे गये हैं। जबकि वोटर लिस्ट में फोटो नहीं रहने पर नाम काटने के सिलसिले में कोई कानून नहीं है। इलेक्शन कमीशन ने भी ऐसा कोई हुक्म नहीं दिया है। कमीशन के हिदायत मुर्दा अफराद के सिर्फ वही नाम काटे जाने हैं, जिनका फेहरिस्त में दो बार नाम हो या फिर मुताल्लिक अफराद ने रिहायिस बदल लिया है।