तमाम मज़ाहिब में अमन-ओ-अमान और ख़िदमात की तालीम दी गई है। मजमूई तौर पर इंसानियत की ख़िदमत करना हर मज़हब की तालीम का हिस्सा है।
गवर्नर ट्मिलनाडू डॉ के रोशिया ने शहर में मुनाक़िदा एक एवार्ड तक़रीब से ख़िताब के दौरान इन ख़्यालात का इज़हार किया। उन्होंने बताया कि मुख़्तलिफ़ शोबा जात में बेहतरीन कारकर्दगी अंजाम देना वक़्त की अहम तरीन ज़रूरत है लेकिन साथ ही इंसानियत के हर तबक़ा तक ख़िदमात की रफ़ाही-ओ-समरात पहुंचाना भी ज़रूरी है।
डॉ रोशिया ने रज़ाकाराना ख़िदमात अंजाम देने वालों को काबुल मुबारकबाद क़रार देते हुए कहा कि जो लोग क़ियाम अमन और फ़िर्कावाराना यकजहती के लिए ख़िदमात अंजाम दे रहे हैं,दरहक़ीक़त वो मज़हबी तालीमात पर अमल पैरा हैं।
इंटरनेशनल इंटीग्रेटेड पीस ऐंड फ्रेंडशिप सोसाइटी के ज़ेर-ए-एहतेमाम तेलुगु यूनीवर्सिटी में मुनाक़िदा इस एवार्ड तक़रीब में डॉ ए राजा कृष्णा राजू पी एन के इंडियन, बिन्दू इंडियन, एम भयाचार के अलावा दुसरे मौजूद थे। डॉ रोशिया ने इस मौके पर मुख़्तलिफ़ शोबों में ख़िदमात अंजाम देने वालों को सद भावना एवार्ड और तौसीफ नामे पेश किए।