अमरीका और ईरान के दरमयान बर्फ़ बिल आख़िर पिघल ही गई। दोनों मुल्कों के सदूर के दरमयान 33 साल बाद फ़ोन पर पहला बराहे रास्त तारीख़ी राबिता हुआ। बराक ओबामा और हसन रुहानी ने ऐटमी तनाज़ा हल करने के लिए कोशिशें तेज़ करने पर इत्तिफ़ाक़ किया है।
चंद हफ़्ते पहले तक एक दूसरे के साथ बात करने से गुरेज़ां अमरीकी और ईरानी हुक्काम अब बात कर रहे हैं। ईरानी सदर हसन रुहानी और अमरीकी सदर बराक ओबामा के दरमयान फ़ोन पर राब्ते ने तल्ख़ी से भरपूर माहौल को यकसर बदल दिया है। 1979 के बाद किसी अमरीकी और ईरानी सदर के दरमयान ये पहला राबिता है।
ये हक़ीक़त जहां दोनों मुल्कों के दरमयान गहरी बेएतेमादी को उजागर करती है, वहीं इस मुश्किल तारीख़ से आगे निकलने के इमकानात की निशानदेही भी करती है। इस के इलावा उन्हों ने दूसरे इलाक़ाई मुआमलात के हल के लिए तआवुन की राह हमवार करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया है।