अमरीका की 2014-के बाद भी अफ़्ग़ानिस्तान में मौजूदगी यक़ीनी : ग्रास मीन

अमरीका के ख़ुसूसी नुमाइंदा बराए अफ़्ग़ानिस्तान-ओ-पाकिस्तान मार्क ग्रास मैन ने पाकिस्तान और तालिबान पर वाज़ेह करदिया है कि 2014- के बाद भी अमरीकी फ़ौज अफ़्ग़ानिस्तान में मौजूद रहेगी।

वो जर्मन मार्शल फ़ंड अमरीका के ज़ेर-ए-एहतिमाम पर विसेलज़ फ़ोर्म में एक मुबाहिसा के दौरान ख़िताब कररहे थे। उन्हों ने कहा कि अमरीका, हुकूमत अफ़्ग़ानिस्तान से इस सिलसिले में मुआहिदे की भरपूर कोशिश कर रहा है ताकि 2014- में नाटो फ़ौज के बेशतर फ़ौजीयों की वापसी के बाद भी अमरीका की फ़ौज अफ़्ग़ानिस्तान में ताय्युनात रहे ।

तबादला-ए-ख़्याल के इजलास में शामिल स्वीडन के वज़ीर-ए-ख़ारजा कार्ल बलडत ने कहा कि अफ़्ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के दौरा के मौक़ा पर उन्हों ने महसूस किया कि अमरीका मुख़ालिफ़ जज़बात उरूज पर हैं।

दोनों ममालिक के सयासी हलक़ों का ख़्याल है कि अमरीका और खासतौर पर इसराएल ने अगर ईरान पर हमला किया तो अफ़्ग़ान और पाकिस्तानी अवाम उसे एक और मुस्लिम मुल्क पर हमला समझेंगे।

मार्क ग्रास मैन ने कहा कि अफ़्ग़ानिस्तान को मुस्तहकम करना ज़रूरी है ताकि पूरे इलाक़ा को फ़ायदा पहुंच सके।

उन्हों ने कहा कि पाकिस्तानी पार्लीमेंट की क़ौमी सलामती कौंसल के मुक़र्ररा ज़ाबतों के बारे में उन्हों ने अपनी सिफ़ारिशात रवाना करदी हैं।