अफ़्ग़ानिस्तान के सदर हामिद करज़ई ने अमरीकी हुकूमत की क़ौमी सलामती की एक मुशीर के साथ मुलाक़ात में दोनों ममालिक के दरमयान सलामती के बाहमी मुआहिदे पर दस्तख़त करने से इनकार किया है।
इस मुआहिदे के तहत 2014 के बाद हज़ारों अमरीकी फ़ौजी अफ़्ग़ानिस्तान में रह सकेंगे।
जिर्गे का ये मुतालिबा करज़ई के इस ब्यान से मुताबिक़त नहीं रखता था जिस में कहा गया था कि मुआहिदे पर अप्रैल 2014 में होने वाले सदारती इंतिख़ाबात से पहले दस्तख़त नहीं होंगे।