वाशिंगटन, २० दिसंबर (राईटर)अफ़्ग़ानिस्तान के शोरिश पसंद तालिबान के साथ दस महीनों की खु़फ़ीया बातचीत के बाद आला अमेरीकी ज़िम्मेदारों का कहना है कि बातचीत अहम मरहले में है और जल्द पता चल जाएगा कि आया कोई ऐसी कामयाबी मिलने वाली है जो बातचीत को अफ़्ग़ान जंग के ख़ातमे की हतमी मंज़िल तक ले जाये।
इंतिहाई नौईयत की डिप्लोमेसी को आगे बढ़ाने की कोशिश के हवाले से राईटर को पता चला है कि अमेरीका ग्वांतानामोबे के क़ैदख़ाने में मुक़य्यद तालिबान की एक ग़ैर मालना तादाद को हुकूमत अफ़्ग़ानिस्तान के हवाले करने पर ग़ौर कर रहा है।
अमेरीका ने तालिबान के नुमाइंदों से कहा है कि वो भी ऐसे इक़दामात करें जो अमरीकी इक़दामात से मेल खाते हैं ।इन इक़दामात में बैन-उल-अक़वामी दहश्तगर्दी की मुज़म्मत के इलावा सदर हामिद करज़ई की हुकूमत के साथ बाक़ायदा सयासी बातचीत पर आमादगी शामिल हो सकती है।
अमेरीकी ज़िम्मेदारों ने बहरहाल तस्लीम किया कि हालिया हफ़्तों के दौरान अहम मरहले में दाख़िल हो जाने वाली अफ़्ग़ान डिप्लोमेसी बदस्तूर निशाने से दूर है। 2014 के आख़िर तक बेशतर अमरीकी फ़ौजी अफ़्ग़ानिस्तान से निकल जाएंगी। बावजूदिके इंतिहाई खु़फ़ीया कोशिश की तफ़सीलात बताने वाले अफ़िसरों का ख़्याल है कि ये अबतक की सदर बारक ओबामा की अफ़्ग़ान पालिसी का सब से बड़ा हिस्सा है ।
इन अफ़िसरों के मुताबिक़ अमरीकी ज़िम्मा दारान ने तालिबान के नुमाइंदों से तक़रीबन छः मुलाक़ातें की हैं।बेशतर मुलाक़ातें जर्मनी और दोहा में मिला उम्र के नुमाइंदों के साथ हुईं।
सिफ़ारती कोशिश की कामयाबी पर बहुत कुछ मुनहसिर है । सिफ़ारती कोशिश की कामयाबी के नतीजे में सयासी तौर पर जंग का ख़ातमा हो जाएगा। कुछ सख़्त गीर तालिबान बज़ाहिर इस बातचीत को मुस्तर्द करसकते हैं लेकिन उन्हें मनाया जा सकता है।
एक आला अमरीकी ज़िम्मेदार का कहना है कि इन का ख़्याल है कि मुआमला नए मरहले में दाख़िल होने जा रहा है जो तय करेगा कि बाहमी एतिमाद साज़ी के इक़दामात की बुनियाद पर फ़ैसलाकुन क़दम उठाने की पोज़ीशन में है। अमरीकी अफ़िसरों ने एतराफ़ किया है कि मुफ़ाहमत की कोशिशों को कई महाज़ पर रुकावटों का सामना है।
अफ़्ग़ान क़ज़ीया ख़तम् करने की कोशिशों की राह में हाइल रुकावटों में तालिबान में फूट करज़ई हुकूमत और उनके मुशीरों का इज़हार तशकीक , पाकिस्तान की तरफ़ से अफ़्ग़ानिस्तान का मुस्तक़बिल तै करने में सिर्फ अहम ही नहीं ग़लबे वाला रोल अदा करने पर इसरार शामिल हैं। अमरीकी ज़िम्मेदारों का कहना है कि दूसरी लड़ाईयों की तरह अफ़्ग़ान जंग को भी मज़ाकराती समझौते की सूरत में ही ख़तम् होना है।
एक दूसरे ज़िम्मेदार ने भी कहा है कि आज़माईशें सख़्त ज़रूर हैं लेकिन आप जहां हैं वहां आप कोशिश से बाज़ नहीं आसकते बल्कि इस जुस्तजू में लगे रहना होगा कि क्या सूरत निकल सकती है। अगर ये कोशिशें आगे बढ़ती हैं तो आइन्दा इक़दाम के तौर पर बैरून अफ़्ग़ानिस्तान तालिबान के किसी दफ़्तर के क़ियाम को अमरीकी ताईद मिल सकती है।
तालिबान पर वाज़िह कर दिया गया है कि वो अपने ऐसे किसी दफ़्तर को फ़ंड जमा करने , इफ़्तिरा परदाज़ी करने या फिर क़ाइम मक़ाम हुकूमत बनाने का मर्कज़ ना बनाईं बल्कि आइन्दा बातचीत को आगे बढ़ाने उसका इस्तिमाल किया जाये। हाल ही में ख़बर आई थी कि क़तर इस बात पर राज़ी है कि तालिबान इस के यहां दफ़्तर खोले। इस पर नाराज़ करज़ई ने बुध को ये ऐलान कर दिया कि वो अपना सफ़ीर क़तर से वापस बुला रहे हैं।